Jhansi Medical College Fire Breaks: सीएम योगी ने एनआईसीयू में हुई दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया, मौके पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को एनआईसीयू वार्ड में अचानक आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना पर गहरा दुख जताया है.

Photo- X/@myogiadityanath

झांसी, 16 नवम्बर : उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को एनआईसीयू वार्ड में अचानक आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना पर गहरा दुख जताया है. शुक्रवार देर रात घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने रातों-रात उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी रात घटनास्थल से पल-पल की जानकारी ली. टीवी पर भी नजर बनाए रखी. मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि तत्काल झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई दुखद घटना में मृतक नवजातों के परिजनों को 5-5 लाख एवं गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपए तत्काल सहायता उपलब्ध कराएं. यह भी पढ़ें : Jhansi Medical College Fire Incident: झांसी मेडिकल कॉलेज के NICU में आग लगने से 10 नवजातों की मौत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM मोदी ने जताया दुख

सीएम योगी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है. जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें." वहीं, इस घटना को लेकर यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं. और उन्होंने नवजात शिशुओं के परिवारों से मुलाकात की. साथ ही घटना के त्रिस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं.

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मेडिकल कॉलेज में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हम परिजनों के साथ मिलकर नवजातों के शव की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा, दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा, अग्निशमन विभाग टीम भी इसका हिस्सा होगी, तीसरा मजिस्ट्रियल जांच के भी निर्देश दिये गये हैं.

उन्होंने कहा कहा कि फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था और जून में मॉक ड्रिल भी हुई थी. ये घटना कैसे हुई और क्यों हुई. इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. नवजात शिशुओं के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर ने बताया कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे. अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई. आग बुझाने के प्रयास किए गए लेकिन चूंकि कमरा अत्यधिक ऑक्सीजन युक्त था, इसलिए आग तेजी से फैल गई. कई बच्चों को बचा लिया गया. 10 बच्चों की मौत हो गई. घायल बच्चों का इलाज चल रहा है.

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