Japanese Encephalitis Spread in India: मच्छर जनित बीमारी जापानी इंसेफेलाइटिस भारत में फैला, असम में अब तक इससे गई 44 लोगों की जान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की राज्य शाखा के अनुसार, मच्छर जनित बीमारी जापानी इंसेफेलाइटिस ने अब तक पूरे असम में 44 लोगों की जान ले ली है. असम में बाढ़ के बाद जापानी इंसेफेलाइटिस और भी गंभीर हो गया है. अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि पिछले 24 घंटों में राज्य में तीन लोगों की मौत हो गई. दो नागांव जिले में और एक चिरांग जिले में....
गुवाहाटी, 27 जुलाई: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की राज्य शाखा के अनुसार, मच्छर जनित बीमारी जापानी इंसेफेलाइटिस ने अब तक पूरे असम में 44 लोगों की जान ले ली है. असम में बाढ़ के बाद जापानी इंसेफेलाइटिस और भी गंभीर हो गया है. अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि पिछले 24 घंटों में राज्य में तीन लोगों की मौत हो गई. दो नागांव जिले में और एक चिरांग जिले में. अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि एनएचएम, असम के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि पिछले 24 घंटों में राज्य में जापानी इंसेफेलाइटिस के आठ नए मामले सामने आए हैं, जिसमें से तीन नागांव में, दो तिनसुकिया में और एक-एक चिरांग, जोरहाट और कामरूप जिलों में. पिछले 26 दिनों में राज्य में जापानी इंसेफेलाइटिस के कुल 274 मामले सामने आए हैं. यह भी पढ़ें: दिल्ली में Monkeypox के लक्षण वाला संदिग्ध एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती, बुखार के साथ शरीर पर दाने
भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से 2021 की अवधि के दौरान असम में जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण 660 लोगों की मौत हुई. 2015 में असम में जापानी इंसेफेलाइटिस से कुल 135 लोगों की मौत हुई, जबकि 2016 में 87, 2018 में 94, 2019 में 161, 2020 में 51 और 2021 में 40 लोगों की मौत हुई.
गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, चराईदेव, डिब्रूगढ़, लखीमपुर, नगांव, होजई, मोरीगांव, बारपेटा, नलबाड़ी, बक्सा, चिरांग और उदलगुरी सहित असम के कई जिले इस बीमारी के प्रकोप से प्रभावित हुए हैं.
एनएचएम ने प्रकोप से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया और दिशानिर्देश जारी किए हैं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता पूरे राज्य में इस बीमारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चला रहे हैं. उधर, इस साल राज्य में बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या असम के कछार जिले तक पहुंच गई है.