जम्मू-कश्मीर: एक ऐसा जवान जो पहले था आतंकी, फिर सेना में हुआ भर्ती और देश के लिए हो गए शहीद
शहीद जवान नजीर अहमद वानी (Photo Credits ANI)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के करपान इलाके में रविवार को सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में कुलगाम का रहने वाले सेना के जवान नजीर अहमद वानी ने अपनी जान की बाजी लगाकर 6 आतंकियों को मौत की घाट उतार दिया. लेकिन इस मुठभेड़ में नजीर अहमद वानी को भी अपनी जान गवानी पड़ी. बता दें कि नजीर अहमद काफी साल पहले आतंकवाद की राह पर थे. लेकिन उन्होंने देश की सेवा के लिए अपने आपको पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद टेरीटोरियल आर्मी में भर्ती हुए थे.

शहीद जवान नजीर अहमद वानी के शहादत को लेकर सेना के अधिकारियों का कहना है कि लांसनायक नजीर अहमद का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. वहीं नजीर अहमद के शहीद होने के बाद नजीर का पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेट कर कुलगाम उनके पैतृक गांव चक अशमुजी लाया गया. नजीर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने के बाद पूरे गांव में कुछ समय के लिए मातम जैसा माहौल पैदा हो गया था. जिसके बाद नजीर का पार्थिव शरीर श्रुपूर्ण विदाई देकर सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया. यह भी पढ़े: जम्मू-कश्मीर मुठभेड़ में 2 आतंकी ढेर, 1 जवान शहीद

नजीर अहमद को तीन बार सेना ने किया था सम्मानित

बता दें कि लांसनायक नजीर अहमद वानी एक जाबांज जवान थे. उनकी वीरता को देखते हुए सेना की तरह से उन्हें साल 2007 में मेडल दिया गया था. जिसके बाद उन्हें दो बार अगस्त 2017 और 2018 में सेना मेडल से सम्मानित किया गया था. नजीर अहमद वानी के घर में पत्नी और दो बच्चे हैं और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2004 में टेरिटोरियल आर्मी से की थी