Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में 1 जनवरी से अब तक 49 आतंकी मारे गए- सीआरपीएफ

सीआरपीएफ के अधिकारियों ने यह भी कहा कि दो साल के अंतराल के बाद इस साल 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बल पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगा. उन्होंने कहा कि बल तीर्थयात्रियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएगा और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के लिए रणनीति तैयार करेगा.

भारतीय सेना के जवान (Photo Credits: PTI/File)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में सुरक्षा बलों (Security Forces) ने इस साल एक जनवरी से अब तक कुल 49 आतंकवादी (Terrorists) ढेर किए हैं. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अधिकारियों ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान 71 आतंकवादियों को पकड़ा गया है, जबकि तीन चरमपंथियों ने आत्मसमर्पण किया है. वहीं अप्रैल महीने में ऑपरेशन में आठ आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि सीआरपीएफ समेत सुरक्षाबलों ने 10 को गिरफ्तार किया. Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ में लश्कर का आतंकवादी ढेर

अधिकारियों ने यह भी बताया कि हाल के अभियानों के दौरान नौ अप्रैल को अनंतनाग जिले में लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकवादी मारा गया है, 10 अप्रैल को श्रीनगर में दो विदेशी आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि 11 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक विदेशी आतंकवादी समेत दो आतंकियों को मार गिराया गया है.

उन्होंने आगे बताया कि इस अवधि के दौरान पूर्वोत्तर में 311 विद्रोहियों को पकड़ा गया है, जबकि 55 ने आत्मसमर्पण किया है. अधिकारियों ने वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि एक जनवरी से अब तक माओवादी विरोधी अभियानों में छह माओवादी मारे गए हैं, जबकि 183 पकड़े गए हैं और 204 ने आत्मसमर्पण किया है.

सीआरपीएफ के अधिकारियों ने यह भी कहा कि दो साल के अंतराल के बाद इस साल 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बल पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगा. उन्होंने कहा कि बल तीर्थयात्रियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएगा और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के लिए रणनीति तैयार करेगा.

सीआरपीएफ इस यात्रा के विभिन्न पड़ावों या बेस पर और पवित्र गुफा के इलाके में सुरक्षा प्रदान करने के लिए नोडल एजेंसी है. अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगी. इस साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की ओर से पवित्र गुफा के दर्शन करने की उम्मीद है, क्योंकि वर्ष 2020 और 2021 के दौरान कोविड महामारी के कारण तीर्थयात्रा का आयोजन नहीं किया गया था.

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