लश्कर कमांडर इश्फाक रशीद के अंत के बाद अब श्रीनगर का कोई निवासी आतंकी रैंक का नहीं: JK पुलिस
गाड़ी की चेकिंग करते सुरक्षाबल (Photo Credits: PTI)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) पुलिस ने रविवार को कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर इश्फाक रशीद खान (Ishfaq Rashid Khan) के खात्मे के बाद से अब कोई भी श्रीनगर निवासी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं है. सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने शनिवार को रणबीरगढ़ (Ranbirgarh) में मुठभेड़ में लश्कर (LeT) के शीर्ष कमांडरों में से एक इश्फाक रशीद को मार गिराया था. साथ ही लश्कर का आतंकी ऐजाज अहमद (Aijaz Ahmad) भी ढेर हुआ था. सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों के पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए थे.

कश्मीर जोन पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP) कश्मीर विजय कुमार (Vijay Kumar) ने कहा, "लश्कर के आतंकी इश्फाक रशीद खान की मौत के बाद अब श्रीनगर जिले का कोई भी निवासी आतंकी रैंक में नहीं है." पुलिस के अनुसार सोज़ेथ (Sozeith) क्षेत्र का निवासी इश्फाक रशीद पिछले दो वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था. जबकि कल मुठभेड़ में मारा गया आतंकी ऐजाज अहमद दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले का था. पुलिस ने मुठभेड़ के बाद भट को 'महत्वपूर्ण लश्कर कैडर' के रूप में पहचाना था. जम्मू-कश्मीर: रणबीरगढ़ मुठभेड़ में लश्कर का टॉप कमांडर इश्फाक रशीद खान ढेर, हथियार और गोला-बारूद जब्त

राज्य के पुलिस अधिकारियों का मानना है कि श्रीनगर तब तक आतंक मुक्त नहीं हो सकता, जब तक कि घाटी के अन्य जिलों में कट्टरपंथी मौजूद है. पुलिस अधिकारी ने कहा श्रीनगर कभी भी आतंक मुक्त नहीं हो सकता है. यह एक ऐसा शहर है जहां आतंकवादी अक्सर आते हैं. आतंकी श्रीनगर कभी इलाज कराने तो कभी किसी मीटिंग या फिर फंड इकठ्ठा करने के लिए आते रहते हैं.

उल्लेखनीय है कि मई महीने में जुनैद सहराई (Junaid Sehrai) के मारे जाने के बाद आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच कल की मुठभेड़ श्रीनगर शहर में तीसरी बड़ी मुठभेड़ थी. जुनैद हिजबुल मुजाहिदीन का डिवीजनल कमांडर था और तहरीक-ए-हुर्रियत (Tehreek-e-Hurriyat) के प्रमुख अशरफ सहराई (Ashraf Sehrai) का बेटा भी था.