जम्मू-कश्मीर: उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को अपने परिवार से मिलने की इजाजत मिली: रिपोर्ट
उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती को परिवार से मिलने की अनुमति दी गई है. उमर अब्दुल्ला के परिवार ने कथित तौर पर उनसे श्रीनगर के हरि निवास पर मुलाकात की. वहीं महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को अपनी मां और बहन से मुलाकात की थी.
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से ही सरकार घाटी में स्थिति को सामान्य करने की हर संभव कोशिश कर रही हैं. हालात के अनुसार सरकार पाबदियों पर ढील रही है. अब इस बीच खबर आ रही है कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah)और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को परिवार से मिलने की अनुमति दी गई. उमर अब्दुल्ला के परिवार ने कथित तौर पर उनसे श्रीनगर के हरि निवास पर मुलाकात की. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक हिरासत में लिए जाने के बाद से अब्दुल्ला के परिवार ने उनसे दो बार मुलाकात की है. उमर अब्दुल्ला की बहन, सफिया और उनके बच्चों को मिलने की इजाजत दी गई थी. उन्होंने बताया कि हमें 20 मिनट मिलने की इजाजत दी गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उमर अब्दुल्ला को 12 अगस्त को बकरीद के मौके पर फोन पर बात करने की इजाजत भी दी थी.
वहीं बात करें महबूबा मुफ्ती की तो उन्होंने गुरुवार को अपनी मां और बहन से मुलाकात की थी. पीडीपी प्रमुख को पर्यटन विभाग की संपत्ति चेशमाशाही में रखा गया है, जिसे अब उप-जेल घोषित कर दिया गया है. महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला दोनों को ही न्यूज चैनल या न्यूज पेपर के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है. हिरासत में उमर अब्दुल्ला फिल्में देखकर तो महबूबा मुफ्ती किताबें पढ़कर अपना समय बिता रही हैं.
बता दें कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से हिरासत में रखा गया है. मोदी सरकार ने अगस्त को जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटा दिया था और जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया है.
फारुख अब्दुल्ला को भी उनके घर में नरजबंद करके रखा गया है. इस बीच कुछ अधिकारी बीच-बीच में जाकर उनसे मिल रहे हैं. रिपोर्ट की मानें तो फारुख अब्दुल्ला को भी मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है. इस बीच फारुख अब्दुल्ला ने कई बार अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की मांग की है जिसे प्रशासन द्वारा खारिज कर दिया गया.
कश्मीर की स्थिति पर सरकार की तरफ जल्द ही हालात सामान्य करने के तमाम दाव किए जा रहे हैं. राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी कश्मीर के मौजूदा हालात पर समय-समय पर मीडिया से रूबरू हो रहे हैं. वहीं इस बीच खबर है कि अनुच्छेद 370 और 35A हटाए जाने को लेकर बीजेपी एक व्यापक अभियान चलाएगी. पार्टी प्रदेश के प्रत्येक जिले में जाकर इसके फायदे भी बताएगी.