श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर (Jammu and Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत नजरबंदी तीन महीने और बढ़ा दी गई है. इससे पहले जम्मू एवं कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के प्रमुख सज्जाद लोन (Sajjad Gani Lone) को नजरबंदी से रिहा कर दिया गया. दोनों नेताओं को एक साथ पिछले साल पांच अगस्त को भारतीय संविधान के आर्टिकल-370 और 35ए को समाप्त करने के दौरान हिरासत में लिया गया था.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को पीएसए के तहत हिरासत में लेने के बाद शुरुआत में श्रीनगर के हरि निवास अतिथि गृह में रखा गया था और बाद में उन्हें चश्मा शाही इलाके में पर्यटन विभाग के एक हट में ले जाया गया. वहां से उन्हें श्रीनगर में ट्रांसपोट यार्ड लेन स्थित एक सरकारी क्वोर्टर में ले जाया गया. उसके बाद सात अप्रैल को उन्हें गुपकर रोड स्थित सरकारी अवास में शिफ्ट किया गया. आर्टिकल-370 हटने की पहली वर्षगांठ पर बीजेपी का जम्मू और कश्मीर में जश्न का प्लान, देशव्यापी अभियान भी करेगी शुरू
Former Jammu & Kashmir CM Mehbooba Mufti's detention under Public Safety Act extended by three months
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— ANI (@ANI) July 31, 2020
महबूबा के अललावा दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला को भी पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में दोनों को रिहा कर दिया गया था. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित कई अन्य नेता अभी भी नजरबंद किए गए हैं.
उधर, जेकेपीसी मुखिया सज्जाद लोन को शुक्रवार को श्रीनगर में नजरबंदी से रिहा किया गया. लोन भी मुख्य धारा के उन 50 नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था. हंदवारा से पूर्व विधायक लोन को प्रारंभ में श्रीनगर के एसकेआईसीसी में हिरासत में रखा गया था, उसके बाद उन्हें अन्य गिरफ्तार नेताओं के साथ एमएलए हास्टल में रखा गया, और उसके बाद उनके घर में हिरासत में रखा गया था.