श्रीनगर: धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर (Kashmir) में होने वाली आतंकी हमलों को लेकर सेना (Army) ने चौंकानेवाला खुलासा किया है. भारतीय सेना की चिनार कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (Lt General KJS Dhillon) ने शुक्रवार दोपहर को आतंक के आकाओं की उस करतूत से पर्दा उठाया, जिसकी बदौलत घाटी में दहशत फैलाई जाती है. हालांकि तमाम नापाक कोशिशों के बाद भी घाटी में सुरक्षा की स्थिति लगातार सुधर रही है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जरनल केजेएस ढिल्लन ने कहा, ‘कश्मीर में आतंकवाद का गहन विश्लेषण करने के बाद पता चला है कि हथियार उठाने वाले 83% स्थानीय आतंकी पहले पत्थरबाज होते है, इनका सेना पर पत्थरबाजी करने का रिकॉर्ड होता है. इसलिए मैं सभी माताओं से अनुरोध करता हूं, अगर आज आपका बच्चा 500 रुपये के लिए सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकता है, तो वह कल आतंकवादी बन जाएगा.’
Lt General KJS Dhillon in Srinagar:We had done in-depth analysis of terrorism in Kashmir. 83% of local people who pick up weapons had record of stone-pelting.I request all mothers,if today your child throws stones at security forces for Rs 500 then he'll become terrorist tomorrow pic.twitter.com/Y7GUdF2u18
— ANI (@ANI) August 2, 2019
पिछले महीने सामने आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि घाटी में 2016 में पत्थरबाजी की 2600 से ज्यादा घटनाएं हुई थी. जबकि 2019 की पहली छमाही में इस तरह की कुछ दर्जनभर घटनाएं ही हुईं. एक अधिकारियों के अनुसार पत्थरबाजी की घटनाओं में संलिप्त रहे असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की घटनाएं भी 10500 से घटकर एक सौ के करीब हो गई.
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गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2016 में पत्थरबाजी की 2653 घटनाएं हुईं जिसमें पुलिस ने 10571 लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि, गिरफ्तार किए गए लोगों में महज 276 जेल भेजे गए और अन्य को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था. वहीं वर्ष 2017 में पत्थरबाजी की 1412 घटनाएं हुईं. इनमें गड़बड़ी फैलाने वाले 2838 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनमें से 63 जेल भेजे गए.
जबकि साल 2018 में पत्थरबाजी की 1458 घटनाएं हुईं इनमें 3797 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 65 जेल भेजे गए. इस साल के पहले छह महीने में पत्थरबाजी की करीब 40 घटनाएं हुयीं जिसमें करीब सौ लोग हिरासत में लिए गए. दरअसल साल 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में अशांति का लंबा दौर चला था.