जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन हुआ हादसा, पेड़ गिरने से चार लोग घायल

आयोजकों के एक बयान के अनुसार, 'एक पेड़ का हिस्सा अचानक टूटकर गिर गया. इसमें चार लोगों को चोटें आईं.’

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पेड़ गिरा (Photo Credit: ANI)

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) में गुरुवार को एक पेड़ गिरने से चार लोग घायल हो गए. दिग्गी पैलेस में पांच दिन के इस आयोजन का गुरुवार को पहला दिन है. आयोजकों के एक बयान के अनुसार, 'एक पेड़ का हिस्सा अचानक टूटकर गिर गया. इसमें चार लोगों को चोटें आईं.’ बता दें कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में इस बार 350 से अधिक लेखक, विचारक, मानवतावादी, राजनीतिज्ञ और अन्य लोग हिस्सा लेंगे. भारत और विदेशों के कुछ मशहूर लेखक-लेखिकाएं पांच दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लने के लिए गुलाबी नगरी में जुटे हुए हैं, इसे सबसे बड़ा लिटरेचर फेस्टिवल माना जाता है.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सामाजिक-राजनीतिक परदिृश्य से लेकर इतिहास, पौराणिक कथाओं और विज्ञान जैसे विषयों पर सैकड़ों सत्र होंगे. आयोजकों ने बताया कि हमारी दुनिया तेजी से बदल रही है...इस साल हमने कृत्रिम मेधा, आनुवांशिकी और भविष्य में हमारा ग्रह कैसा होगा, इस पर सत्र रखा है. इस साल ‘क्लाइमेट फिक्शन (जलवायु गल्प)’ जैसा नया शब्द है. यदि मधुमक्खियां गायब हो जाये तो क्या होगा, इस पर आधारित क्ली-फाई (क्लाइमेट फिक्शन) पर हमने बेहद सुंदर सत्र रखा है. यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- फाइनल NRC प्रकाशित करने की 31 जुलाई की डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी

लिटरेचर फेस्टिवल की सह निदेशक नमिता गोखले ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि इस समय हमारे देश में अनुभवजन्य सोच को प्रोत्साहन देना बेहद जरूरी हो गया है. इस लिटरेचर फेस्टिवल में नोबल पुरस्कार से सम्मानित वेंकी रामकृष्णन ‘विज्ञान के महत्व’ पर बोलेंगे, खगोल विज्ञानी प्रियंवदा नटराजन और कृत्रिम बुद्धिमता के प्रोफेसर टोबी वाल्श श्रोताओं को ‘अंतरिक्ष का मानचित्र’ और ‘वर्तमान में भविष्य कैसा है’ जैसे विषयों पर अपने अनुभव साझा करेंगे.

भाषा इनपुट

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