नई दिल्ली, 17 अप्रैल : दिल्ली की जहांगीरपुरी हिंसा (Jahangirpuri Violence) में घायल हुए पुलिस उप-निरीक्षक अरुण ने रविवार को कहा कि सांप्रदायिक झड़पों के दौरान करीब हजार हथियारबंद लोग जमा हो गए थे. उन्होंने कहा कि बुजुर्ग और युवक हथियार लिए हुए थे, जबकि शनिवार की हिंसा के दौरान महिलाओं के हाथों में भी पत्थर देखा गया. उन्होंने कहा, "दो जुलूस शांतिपूर्वक गुजरे, यह तीसरा जुलूस था जिस पर अचानक हमला किया गया और स्थिति हाथ से निकल गई." झड़पों में आठ पुलिस कर्मी और एक नागरिक घायल हो गए. उन्हें बीजेआरएम अस्पताल ले जाया गया.
झड़प तब हुई जब हथियारबंद लोगों के एक समूह ने हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई 'शोभा यात्रा' पर हमला किया. फिलहाल स्थानीय पुलिस स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की टीम की मदद से मामले की जांच कर रही है, जिसे स्पेशल सेल को ट्रांसफर किए जाने की संभावना है. पुलिस मामले की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार कर रही है जिसे गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा. इस बीच, पुलिस ने असलम (मुख्य आरोपियों में से एक) के कब्जे से हिंसा में प्रयुक्त पिस्तौल बरामद करने का दावा किया है. मामले की जांच के लिए पुलिस की दस टीमों का गठन किया गया है. पुलिस के आला अधिकारी मौके पर हैं. किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. यह भी पढ़ें : Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी में हिंसा मामले में 14 गिरफ्तार
घटना के बाद 27 आर्म्स एक्ट के साथ धारा 147, 148, 149, 186, 353, 332, 323, 427, 436, 307, 120ई के तहत मामला दर्ज किया गया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "कुल नौ व्यक्ति (8 पुलिस कर्मी और 1 नागरिक) घायल हो गए. सभी को बीजेआरएम अस्पताल ले जाया गया. एक उप निरीक्षक को गोली लगी. उसकी हालत स्थिर है." इससे पहले दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. विशेष पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था, नई दिल्ली, दीपेंद्र पाठक ने आईएएनएस को बताया था, "हमने घटना की प्राथमिकी दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी गई है." उन्होंने कहा कि स्थिति अब शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है. जिस इलाके में झड़प हुई, वहां भारी पुलिस सुरक्षा घेरा बना हुआ है.