Kartarpur Gurdwara: पाकिस्तान की नई चाल, करतारपुर गुरुद्वारे का रख-रखाव अब ISI की निगरानी में होगा, DSGMC ने जताई नाराजगी

पाकिस्तान के इस फैसले के बाद से भारत में नाराजगी है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. गुरुद्वारे के रख रखाव की जिम्मेदारी जिस प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को दी गई है उसका सीईओ मो. तारिक खान को बनाया गया है.

करतारपुर साहिब गुरुद्वारा (Photo Credits- YouTube)

नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) ने करतारपुर गुरुद्वारे (Kartarpur Gurdwara) को लेकर नई साजिश की है. पाकिस्तान सरकार की ओर से गुरुद्वारे के रख रखाव की जिम्मेदारी अब पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से छीन ली गई है. गुरुद्वारे (Gurdwara) के रख रखाव की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को सौंपी गई है. इस संस्थान में एक भी सिख (Sikh) सदस्य नहीं है. पाकिस्तान कई साजिश का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के सभी 9 सदस्य Evacuee Trust Property Board (ETPB) से ताल्लुक रखते हैं. ETPB को पूरे तरीके से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कंट्रोल करती है.

यह पहली बार है कि पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को इस पवित्र गुरुद्वारा के प्रबंधन अधिकारों से हटा दिया गया है.  गुरुद्वारे के रख रखाव की जिम्मेदारी जिस प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को दी गई है उसका सीईओ मो. तारिक खान को बनाया गया है. गिलगिट-बाल्टिस्तान को अंतरिम राज्य का दर्जा देने पर भारत की पाक को दो टूक, कहा- यह हमारा अभिन्न हिस्सा.

DSGMC ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण:

पाकिस्तान के इस फैसले के बाद से भारत में नाराजगी है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान कैबिनेट ने गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर के प्रबंधन को पाकिस्तान गुरुद्वारा कमेटी से एक ISI संगठन ETPB को सौंप दिया है, एक गैर-सिख निकाय अब ऐतिहासिक गुरुद्वारा को नियंत्रित करेगा.

मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान सरकार आने वाले समय में गुरुद्वारे के जरिए व्यापार करने का प्लान तैयार कर रही है. इमरान सरकार की ओर इस संबंध में एक आदेश में जारी किया गया है, जिसमें व्यापार से जुड़े पूरे प्लान का जिक्र किया गया है.

बता दें कि सिखों के पवित्र स्थल करतारपुर साहिब को गुरुनानक देव का निवास स्थान बताया जाता है. पाकिस्तान में पड़ने वाले इस स्थान पर ही गुरुनानक देव ने अपनी अंतिम सांसें ली थीं. करतारपुर को लेकर पाकिस्तान की पहले भी कई बार साजिश कर चुका है.

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