नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) को प्रांतीय दर्जा देने के पाकिस्तान (Pakistan) सरकार के कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. प्रधानमंत्री इमरान खान के फैसले का भारत ने विरोध किया है. पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान को अंतरिम राज्य का दर्जा दिया है. भारत ने इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए दो टूक कहा कि पाक ने असंवैधानिक तरीके से ये दर्जा दिया है और वह गिलगिट-बाल्टिस्तान को खाली करे. इसके साथ ही भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने पीओके पर भी जबरदस्ती कब्जा किया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान को एक अलग प्रांत के रूप में नामित करके, इस्लामाबाद अपने "अवैध कब्जे" को छिपाने का प्रयास कर रहा है. भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान पर गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानीय लोगों के खिलाफ ज्यादती करने, स्वतंत्रता के अधिकार और पिछले 70 वर्षों में उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया. पाकिस्तान में लगे विंग कमांडर अभिनंदन और पीएम नरेंद्र मोदी के पोस्टर, जानें क्या है पूरा मामला.
MEA के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Srivastava) ने कहा, "भारत सरकार पाकिस्तान द्वारा भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से में अवैध और जबरन कब्जे के तहत भौतिक परिवर्तन लाने के प्रयास को दृढ़ता से अस्वीकार करती है. मैं दोहराता हूं कि के केंद्र शासित प्रदेश सहित गिलगिट-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न अंग है."
भारत ने किया कड़ा विरोध:
Govt of India firmly rejects attempt by Pakistan to bring material changes to a part of Indian territory, under its illegal & forcible occupation. I reiterate Union Territories of J&K,& Ladakh, including Gilgit-Baltistan, are an integral part of India...: Anurag Srivastava, MEA pic.twitter.com/ay8HVBR80B
— ANI (@ANI) November 1, 2020
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के प्रयासों से इन पाक अधिकृत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सात दशकों से अधिक समय तक मानव अधिकारों के उल्लंघन और आजादी से वंचित रखने को नहीं छुपाया जा सकता. उन्होंने कहा- हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने को कहते हैं.
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किया था. इससे पहले इमरान ऐलान कर चुके हैं कि गिलगित-बाल्टिस्तान को संवैधानिक अधिकार दिए जाएंगे और नवंबर में चुनाव भी कराए जाएंगे.