National Institute of Nutrition Guideline: मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाना सबसे अच्छा, लेकिन नॉन स्टिक बर्तनों को लेकर रहें सावधान, क्या है इसकी वजह

' दी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूट्रिशन ' ने भारतीयों के लिए खाने को लेकर कुछ दिशा-निर्देश जारी किए , जिसे ध्यान देना बहुत जरुरी है.

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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (एनआईएन) ने भारतीयों के लिए खाने यानी आहार को लेकर गाइडलाइन्स जारी किए है. यह गाइडलाइन एक बड़े रिसर्च, एक्सपर्ट्स की राय और उनके विचार पर पोषण और हेल्थ पर वैज्ञानिक प्रमाणों के कई रिसर्च के बाद इस गाइडलाइन को बनाया गया है. खाने से और पोषण से संबंधित यह रिसर्च भारतीय लोगों को नए आहार से संबंधित गाइडेंस और लोगों की बदलती जीवनशैली, सामान्य बीमारी और बदलते खान-पान की आदतों पर उन्हें सोचने पर मजबूर करती है.

इस रिसर्च में यह दावा किया गया है की मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से स्वास्थ की सुरक्षा और उसके काफी लाभ भी होते है. एनआईएन ने मिट्टी के बर्तनों को पर्यावरण पूरक , कम तेल की लागत और खाने के पोषक तत्व संरक्षित करने की क्षमता वाला माना है. एनआईएन की यह जानकारी भारतीयों को अपने बर्तनों और खाना बनाने के तरीकों को लेकर विकल्प के बारे में भी जानकारी देती है. जिसके कारण अच्छा खाना और टिकाऊ किचन को  बढ़ावा देने की बात भी इसमें कही गई है. यह भी पढ़े :सावधान! जंक फूड से कम उम्र में मौत का खतरा! कोल्ड ड्रिंक भी जानलेवा, हार्वर्ड रिसर्च में डराने वाला खुलासा

न्यूट्रिशन के मुताबिक़ मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने से वो सही तरीकें से पकता है और खाने में जो पोषक तत्व पाए जाते है , वो भी सही सलामत रहते है. हालांकि मिट्टी के बर्तन हर रसोई के लिए ठीक नही है, लेकिन रसोई के अनुसार उसका चयन किया जा सकता है. खाना बनाने के लिए मिट्टी के बर्तन सही विकल्प है. मिट्टी के बर्तन थोड़े नाजुक होते है , लेकिन सही देखभाल से इनका उपयोग किया जा सकता है.

नॉन स्टिक बर्तन क्यों है नुकसानदायक

हालांकि इस गाइडलाइन में मेटल्स, स्टील, नॉन-स्टिक पैन और ग्रेनाइट कुकवेयर का उपयोग करने की सलाह भी देते हैं.  पहले इन नॉन स्टिक पैन को बनाते समय पेरफ्लूरूक्टेनोइक एसिड  (पीएफओए) रहता था,जिसके कारण टेफ्लॉन, और नॉन-स्टिक कोटिंग के बारे में चिंताएं थीं.

जानकरी के मुताबिक़ पीएफओए के कारण कुछ स्वास्थ समस्याएं जैसे कुछ कैंसर, थायरॉइड समस्याएं पाई गई थी. लेकिन कुकवेयर उद्योग ने साल 2013 के बाद से बर्तनों से बड़े पैमाने पर पीएफओए को हटा दिया.

हालांकि नॉन स्टिकी बर्तनों को ज्यादा देर तक गर्म करने से स्वास्थ के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. ज्यादा गर्म करने से कोटिंग टूट सकती है, जिसके कारण हानिकारक धुव्वा फ़ैल सकता है और इससे फेफड़े को नुकसान हो सकता है और फ्लू भी हो सकता है. इसको पॉलीमर फ्यूम फ्लू के नाम से जाना जाता है.

खाना बनाने के लिए कौन से बर्तनों का उपयोग करें

यह एक बड़ा सवाल है, खाना बनाने के लिए सबसे बेहतर फूड-ग्रेड स्टेनलेस स्टील को ही चुनना चाहिए. वे टिकाऊ होते हैं, साफ करने में आसान होते हैं और आम तौर पर सबसे स्वच्छ विकल्प माने जाते हैं. मिट्टी के बर्तन और चीनी मिट्टी के उपयोग से बने बर्तन भी खाने के लिए सुरक्षित हैं, जब तक कि उन्हें ठीक से साफ और रखरखाव किया जाता हो.

 

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