IRCTC घोटाला: लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित अन्य को मिली जमानत
लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी (Photo Credit-PTI)

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आईआरसीटीसी (IRCTC) घोटाले से जुड़े मनी लॉन्डरिंग केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav), उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi), पुत्र तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) तथा अन्य को नियमित जमानत दे दी है. कोर्ट ने एक लाख रुपये के पर्सनल बॉन्ड और एक लाख रूपये जमानती अमाउंट लाने पर लालू परिवार को यह  जमानत दी है. मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी. बता दें कि पिछली सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपियों को नियमित जमानत देने का विरोध किया था. कोर्ट ने ईडी और आरोपियों का पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

गौरतलब है कि आईआरसीटीसी होटल आवंटन मामले में सीबीआई के बाद ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में लालू एंड फैमली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में ईडी ने कई अहम सबूत की बात कही थी. चार्जशीट में ईडी ने लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री प्रेमचंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता और तत्कालीन एमडी बीके अग्रवाल के अलावा अन्य लोगों को आरोपी बनाया था. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: मौसमी चटर्जी के बाद इस बड़ी अभिनेत्री ने थामा बीजेपी का दामन, मिला बड़ा पद

क्या है पूरा मामला

IRCTC घोटाला मामला इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को देने से जुड़ा है. विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक हैं. इसके बदले में कथित तौर पर लालू को पटना में बेनामी संपत्ति के रूप में तीन एकड़ जमीन मिली. एफआईआर में कहा गया था कि लालू ने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया.

इसके बदले में उन्हें एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की ओर से बेशकीमती जमीन मिली. सुजाता होटल को ठेका मिलने के बाद 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया. हालांकि इस दौरान लालू रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे.