International Nurses Day 2020: कर्नाटक की नर्स ने पेश की अनोखी मिसाल, 9 महीने की गर्भवती होने के बावजूद निस्वार्थ भाव से मरीजों की कर रही हैं सेवा
कोरोना संकट के बीच कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के गजनुरु गांव की रहने वाली एक नौ महीने की गर्भवती रूपा प्रवीण राव अपने गर्भावस्था के आखिरी महीने में भी लगातार अस्पताल पहुंच रही हैं और मरीजों की देखभाल कर रही हैं. गर्भवती नर्स रूपा जयचामाराजेंद्र सरकारी अस्पातल में भर्ती मरीजों की देखभाल करने के लिए रोजाना तीर्थहल्ली तालुक जाती हैं.
International Nurses Day 2020: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की चुनौती से पूरी दुनिया लड़ रही है और संकट की इस घड़ी में डॉक्टर (Doctor), नर्स (Nurse) व अन्य स्वास्थ्यकर्मी (Health Care Workers) लगातार मरीजों की सेवा कर रहे हैं. कोरोना मरीजों की सेवा में डटे तमाम डॉक्टर और नर्स मरीजों की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं, उनके इस निस्वार्थ सेवा भाव को देखते हुए यह कहावत बिल्कुल सच होती दिखाई दे रही है कि डॉक्टर भगवान की दूसरा रूप होते हैं. कोरोना संकट के बीच आज दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) मनाया जा रहा है. डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सिंग स्टाफ भी लगातार मरीजों की देखरेख कर रहा है. इस बीच कर्नाटक से मरीजों की निस्वार्थ सेवा की अनोखी मिसाल पेश करने वाली एक खबर सामने आई है.
कोरोना संकट के बीच कर्नाटक (Karnataka) के शिवमोग्गा (Shivmogga) जिले के गजनुरु गांव की रहने वाली एक नौ महीने की गर्भवती (Nine Month Pregnant) रूपा परवीन राव (Roopa Parveen Rao) अपने गर्भावस्था के आखिरी महीने में भी लगातार अस्पताल पहुंच रही हैं और मरीजों की देखभाल कर रही हैं. गर्भवती नर्स रूपा जयचामाराजेंद्र सरकारी अस्पातल में भर्ती मरीजों की देखभाल करने के लिए रोजाना तीर्थहल्ली तालुक जाती हैं.
मरीजों की देखभाल करती 9 महीने की गर्भवती नर्स
इस नर्स का कहना है कि यह अस्पताल कई गांवों से घिरा हुआ है और संकट की घड़ी में लोगों को हमारी सेवा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मेरे सीनियर्स मुझे छुट्टी लेने के लिए कह रहे हैं, लेकिन मैं लोगों की सेवा करना चाहती हूं. मैं दिन में छह घंटे काम करती हूं. सीएम ने मुझे बुलाया और मेरे समर्पण की सराहना की. उन्होंने मुझे आराम करने का सुझाव भी दिया. यह भी पढ़ें: International Nurses Day 2020: कोरोना संकट के बीच घर पर बच्चों को छोड़ मरीजों की सेवा कर रही हैं ये महिलाएं सेवा
मरीजों की निस्वार्थ सेवा कर पेश की मिसाल
गौरतलब है कि गर्भावस्था के आखिरी महीने में रूपा परवीन राव पूरे जोश और समर्पण भाव से मरीजों की सेवा कर रही हैं. हालांकि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की देखभाल में नहीं लगाया गया है और वो आम मरीजों की देखभाल कर रही हैं. नौ महीने की गर्भवती होने के बावजूद आराम करने के बजाय मरीजों की देखभाल करने वाली नर्स रूपा की निष्ठा और सेवा भाव वाकई सराहनीय है.