Joshimath Sinking: उत्तराखंड सरकार का निर्देश, जोशीमठ में भू-धंसाव का अध्ययन कर रहे संस्थान अपनी रिपोर्ट आपस में साझा करें

भू-धंसाव ग्रस्त जोशीमठ का अलग-अलग पहलुओं से अध्ययन करने में जुटे विभिन्न केंद्रीय तकनीकी संस्थानों से उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट सौंपने तथा उन्हें एक दूसरे के साथ साझा करने का आग्रह किया.

Joshimath Sinking (Photo: Twitter/ @shubhamrai80)

Joshimath Sinking Survey Report, 18 जनवरी: भू-धंसाव ग्रस्त जोशीमठ का अलग-अलग पहलुओं से अध्ययन करने में जुटे विभिन्न केंद्रीय तकनीकी संस्थानों से उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट सौंपने तथा उन्हें एक दूसरे के साथ साझा करने का आग्रह किया. इस बीच जेपी कॉलोनी में हो रहे जल रिसाव का स्तर घटकर 100 लीटर प्रति मिनट रह गया है. Joshimath Sinking: जोशीमठ में होटल माउंट व्यू और मलारी इन को गिराने का काम जारी

उधर, जोशीमठ में असुरक्षित घोषित लोकनिर्माण विभाग के डाक बंगले के साथ ही दो निजी भवनों को तोड़े जाने के आदेश दिये गये हैं. प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने यहां मीडिया को बताया कि प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु ने जोशीमठ में कार्यरत विभिन्न तकनीकी संस्थानों के निदेशकों तथा वैज्ञानिकों के साथ बैठक कर उनसे समयबद्धता के साथ अपनी अध्ययन रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया.

उन्होंने बताया कि संधु ने सभी संस्थानों से कहा कि रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से समस्या के साथ ही समाधान बताएं तथा इसे एक-दूसरे से साझा भी करें. जोशीमठ में भू-धंसाव सामने आने के बाद से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय भू-भौतिक अनुसंधान संस्थान, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, केन्‍द्रीय भूमि जल बोर्ड, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान तथा आइआइटी रूड़की जैसे संस्थान नगर का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन कर रहे हैं.

सभी संस्थानों ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दो से तीन सप्ताह में देने की बात कही है. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ के मारवाडी क्षेत्र में अज्ञात भूमिगत स्रोत से हो रहा पानी का रिसाव बुधवार को और कम होकर 100 लीटर प्रति मिनट हो गया जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है.

सिन्हा ने कहा कि छह जनवरी को पानी का रिसाव 540 लीटर प्रति मिनट दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया कि नगर में सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है और अभी तक 849 भवनों में दरारें पायी गयी हैं जिनमें से 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं.

अब तक 258 परिवार सुरक्षा को देखते हुए अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं जिनके सदस्यों की संख्या 865 है. जोशीमठ में बुधवार को लोकनिर्माण विभाग के डाक बंगले के साथ दो निजी भवनों को तोड़े जाने के आदेश जिलाधिकारी ने दे दिए.

अपर जिला सूचना अधिकारी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, तोड़े जाने वाले दो मकानों में पांच परिवार रहते थे और असुरक्षित घोषित होने के बाद उन्होंने उन्हें तोड़े जाने की लिखित में सहमति दे दी है. इसके अलावा लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले को भी वैज्ञानिक तरीके से तोड़ने के आदेश दिए गए हैं.  इससे पूर्व, होटल माउंट व्यू, होटल मलारी इन को वैज्ञानिक तरीके से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की निगरानी में तोड़े जाने के आदेश दिए गए थे जिन्हें तोड़े जाने की प्रक्रिया जारी है.

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