किडनी हमारे शरीर का एक ऐसा महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमारे रक्त से अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों तथा पानी को छानने के साथ हमारी रक्तचाप, तापमान को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं. ये एरिथ्रोपोइटिन नामक हार्मोन का उत्पादन करते हैं, जो हमारी लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देता है, इसके बावजूद बहुत कम लोग हैं, जो अपनी किडनी की सुरक्षा के प्रति सतर्क होते हैं. प्राप्त सूचना के अनुसार प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में लगभग 10 प्रतिशत जनसंख्या किडनी रोग से प्रभावित है, तथा हर वर्ष लाखों लोग किडनी की बीमारी से मर जाते हैं. विश्व किडनी दिवस (13 मार्च) के अवसर पर आइये जानें इसके महत्व, इतिहास एवं किडनी से जुड़ी आवश्यक जानकारियों के बारे में.
विश्व किडनी दिवस का इतिहास
सर्वप्रथम विश्व किडनी दिवस साल 2006 में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (ISN) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन (IFKF) की संयुक्त पहल के रूप में मनाया गया था. इसके बाद से निरंतर प्रत्येक वर्ष मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य किडनी के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना, और दुनिया भर में किडनी की बीमारी को कम करने हेतु निवारक उपायों को बढ़ावा देना था. इस दिवस विशेष का मुख्य उद्देश्य किडनी की सेहत के प्रति लोगों को जागृत करना तथा किडनी की शुरुआती नुकसान का पता लगाने, उनके यथोचित उपचार और जीवन शैली में आवश्यकतानुसार बदलाव लाने के महत्व पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना होता है. यह भी पढ़ें : Holi & Swapna Shastra: सपने में होली के रंगों का दिखना या होली खेलते दिखने का क्या संकेत है? जानें क्या कहता है स्वप्न शास्त्र ?
विश्व किडनी दिवस का महत्व
दुनिया भर में लाखों लोग किडनी की समस्याओं से पीड़ित हैं. कई मामलों में इसका निदान भी संभव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में विश्व किडनी दिवस जनता को शिक्षित करने, किडनी के नियमित जांच को प्रोत्साहित करने और बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की नीतियों को आगे बढ़ाने के प्रयास का विश्वास जगाता है. प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन एक विशिष्ट थीम जारी करता है, और जिसके प्रयास से किडनी के स्वास्थ्य के प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डालता है. इसका मुख्य उद्देश्य आम व्यक्ति और उसकी सेहत की देखभाल प्रणालियों पर किडनी से संबंधित स्थितियों के प्रभाव को कम करता है.
किडनी से जुड़े कुछ फैक्ट, जिसकी जानकारी जरूरी है
किडनी का आकार: किडनी मुट्ठी के बराबर होती है. हर व्यक्ति के शरीर में दो किडनी होती हैं, जो पीठ के निचले हिस्से में होती हैं.
किडनी की कार्यप्रणाली: किडनी का मुख्य कार्य शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल को बाहर निकालने और रक्त को छानना होता है.
जल के साथ संबंध: किडनी सुचारू रूप से कार्य करे, इसके लिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है. इसकी कमी से किडनी की सक्रियता कम होती है, जिससे तमाम समस्याएं आ सकती हैं.
किडनी ट्रांसप्लांट: दुनिया में सर्वाधिक ट्रांसप्लांट किडनी का होता है. व्यक्ति एक स्वस्थ किडनी से भी सामान्य जीवन जी सकता है.
किडनी डोनेशन: स्वस्थ व्यक्ति एक किडनी दान कर, दूसरे व्यक्ति की जान बचा सकता है.
आयु और किडनी रोग: 60 वर्ष के बाद किडनी की समस्या हो सकती है. इसका कारण उच्च रक्तचाप और मधुमेह इसका प्रमुख कारण हो सकती हैं.













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