Sister Abhaya Case: सिस्टर अभया को 28 साल बाद मिला न्याय, मर्डर केस में फादर थॉमस कोट्टूर और नन सेफी को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद

तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की अदालत 28 साल बाद सिस्टर अभया मर्डर (Sister Abhaya) केस मामले में अपना फैसला सुना दिया. अदालत ने हत्या के दोषी पादरी थॉमस कोट्टूर और नन सिस्टर सेफी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इससे पहले 22 दिसंबर को कोर्ट ने इस मामले में फादर थॉमस कोट्टूर और नन सिस्टर सेफी को सिस्टर अभया की हत्या का दोषी करार दिया था. सिस्टर अभया मर्डर केस का फैसला 28 साल 9 महीने बाद आया है. सीबीआई ने कोट्टुर और सेफी मामले में पहले और तीसरे आरोपी थे. दोनों आरोपी साल 2009 से जमानत पर थे.

अदालत ( फोटो क्रेडिट- Pixabay)

तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की अदालत 28 साल बाद सिस्टर अभया मर्डर (Sister Abhaya) केस मामले में अपना फैसला सुना दिया. अदालत ने हत्या के दोषी पादरी थॉमस कोट्टूर और नन सिस्टर सेफी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इससे पहले 22 दिसंबर को कोर्ट ने इस मामले में फादर थॉमस कोट्टूर और नन सिस्टर सेफी को सिस्टर अभया की हत्या का दोषी करार दिया था. सिस्टर अभया मर्डर केस का फैसला 28 साल 9 महीने बाद आया है. सीबीआई ने कोट्टुर और सेफी मामले में पहले और तीसरे आरोपी थे. दोनों आरोपी साल 2009 से जमानत पर थे.

बता दें कि दिसंबर 2008 में सीबीआई ने अपनी तीसरी रिपोर्ट में पहली बार एर्नाकुलम की एक अदालत को बताया कि यह एक हत्या थी और इसमें तीन अभियुक्तों - दो कैथोलिक पादरी, फादर थॉमस कोट्टूर और फादर जोस पायथ्रुकायिल और एक नन, सिस्टर को गिरफ्तार किया गया था. उन पर हत्या, सबूत नष्ट करने, आपराधिक साजिश और अन्य आरोप लगाए गए थे. Tamil Nadu Grants Permission To Jallikattu: जल्लीकट्टू को मिली अनुमति, खेल के लिए इन कोविड दिशानिर्देशों का पालन अनिवार्य.

जानें क्या हुआ था 28 साल पहले

केरल में कोट्टायम के एसटी पीयुस कॉन्वेंट के एक कुएं में सिस्टर अभया को 27 मार्च 1992 को मृत पाया गया था. शुरूआत में मामले की जांच स्थानीय पुलिस और राज्य अपराध शाखा ने की थी जिसमें कहा गया था कि अभया ने आत्महत्या की है. हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ता जोमोन पुथेनपुराकल की कानूनी लड़ाई के बाद 29 मार्च, 1993 को इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था.

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