होम लोन लेने से पहले जरुर पढ़े! 31 मार्च के बाद सस्ते में निपट सकता है आपका काम

अगर आप अपने सपनों का घर लेने के बारे में सोच रहे है तो यह खबर आपके बड़े काम आ सकती है. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक पहल आम जनता के लिए बहुत फायदेमंद साबित होने वाली है. आरबीआई ने सभी बैंकों को लोन सस्ता करने के लिए मना लिया है.

होम लोन (Photo Credits: Twitter)

मुंबई: अगर आप अपने सपनों का घर लेने के बारे में सोच रहे है तो यह खबर आपके बड़े काम आ सकती है. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक पहल आम जनता के लिए बहुत फायदेमंद साबित होने वाली है. आरबीआई ने सभी बैंकों को लोन सस्ता करने के लिए मना लिया है. इसलिए आगामी वित्त-वर्ष में सभी बैंकों के ब्याज दर कम होने की पूरी संभावना है. हालांकि आपको इसका फायदा अप्रैल से मिलेगा. यानि की अगर आप अप्रैल महीने में अपने घर के लिए लोन लेंगे तो ब्याज के तौर पर आपके जेब पर पड़ने वाला बोझ कम हो सकता है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सात फरवरी को रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की थी. जिसके बाद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों के सीईओ व प्रबंध निदेशकों से मुलाकात कर उनको कम ब्याज दरों का फायदा ग्राहकों को देने का सुझाव दिया था. रेपो रेट ब्याज की वह दर है जिसपर केंद्रीय बैंक सभी बैंकों को कर्ज मुहैया कराता है.

हालांकि बैठक में ज्यादातर बैंकों ने आरबीआई के सुझाव पर रजामंदी जताई थी. इसके लिए बैंकों को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) में कटौती करना होगा. बैंक एमसीएलआर अपने प्रॉफिट के हिसाब से तय करते है. कुछ बैंकों ने एमसीएलआर में कटौती किया भी है जबकि शेष बैंक 31 मार्च तक ऐसा कर लेंगे. अब तक भारतीय स्टेट बैंक ने ब्याज दर में पांच आधार अंक की कटौती की है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बाकी बैंक भी ब्याज दरों में 5 से 10 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर सकते है.

भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख रजनीश कुमार ने पिछले महीने कहा था कि, ‘‘आरबीआई की नीति से यह संकेत मिलता है कि आगे चलकर ब्याज दरें और कम की जा सकती हैं. मुख्य मुद्रास्फीति के आंकड़े लगातार नीचे आ रहे हैं और मुद्रास्फीति की संभावनाएं नीचे की ओर आई हैं.’’

रिजर्व बैंक ने अगले साल के लिए अपने मुख्य मुद्रास्फीति के अनुमान को भी कम किया है. मार्च तिमाही में इसके 2.8 प्रतिशत, अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में 3.2 से 3.4 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.

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