GST Day 2020: ‘वस्तु एवं सेवा कर’ की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं, जो हर किसी को जानना बेहद जरुरी
भारत आज (1 जुलाई) तीसरा जीएसटी दिवस मना रहा है. देश में नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली ‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)’ को 1 जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि से लागू किया गया था. इस एकल टैक्स सिस्टम ने उन 17 करों और अनगिनत उपकरों (सेस) का स्थान लिया है, जिसे केन्द्र एवं राज्य सरकारों ने लागू किया था.
नई दिल्ली: भारत आज (1 जुलाई) तीसरा जीएसटी दिवस (GST Day 2020) मना रहा है. देश में नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली ‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)’ को 1 जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि से लागू किया गया था. इस एकल टैक्स सिस्टम ने उन 17 करों और अनगिनत उपकरों (सेस) का स्थान लिया है, जिसे केन्द्र एवं राज्य सरकारों ने लागू किया था.
जीएसटी (Goods and Services Tax) से पहले देश में अत्यंत जटिल कर प्रणाली लागू थी क्योंकि प्रत्येक करदाता को तरह-तरह के रिटर्न भरने पड़ते थे, उन्हें कई इंस्पेक्टरों एवं कर निर्धारण अधिकारियों का सामना करना पड़ता था, अपने किसी भी उत्पाद की आवाजाही होने पर प्रत्येक राज्य में अलग से टैक्स अदा करना पड़ता था और तरह-तरह की बाधाओं का सामना करने पर करदाता टैक्स अदायगी से बचने के उपाय ढूंढ़ने लगता था. ‘निल’ जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाली इकाइयों को एसएमएस से बिक्री ब्यौरा देने की सुविधा ’
केंद्र सरकार का दावा है कि जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी हितधारकों के लिए एक ‘गेम चेंजर’ साबित हुआ है. वहीं, जिन लोगों को अपने कारोबार के टर्नओवर का खुलासा करना पड़ता है, उन्हें अब आयकर के लिए अपनी आय का खुलासा करना पड़ता है. जिस वजह से प्रत्यक्ष कर का संग्रह बढ़ गया है.
जीएसटी स्वतंत्रता के बाद सबसे बडा कर सुधार है. यह एक राष्ट्र - एक कर – एक बाजार का लक्ष्य हासिल करने में मददगार है. इससे वस्तुओं और सेवाओं की लागत में कमी आएगी, अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और उत्पाद एवं सेवाओं को वैश्विक रूप में प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जा सकेगा और ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को मुख्य रूप से बल मिलेगा. जीएसटी व्यवस्था के अंतर्गत, निर्यात पर कर की दर शून्य हो जाएगी. मोदी सरकार ने कोरोना संकट में GST करदाताओं को दी बड़ी राहत
वित्त मंत्रालय का तर्क है कि जीएसटी से भारत एक साझा बाजार बना, जिसमें करों की दरें और प्रक्रियाएं एक समान है. जीएसटी में सभी लेनदेन और प्रक्रियाएं केवल इलेक्ट्रोनिक मोड के जरिये की जाती है और इससे मानव सम्पर्क बहुत कम है. जिस वजह से जीएसटी से भारत में व्यापार करने की प्रक्रिया आसान हुई.
जीएसटी के लिए 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की चार स्लैब टैक्स बनाई गयी है. कुछ वस्तुओं पर एक उपकर लगाया जाएगा, जिनमें लक्जरी कारें, वातित पेय पदार्थ, पान मसाला और तम्बाकू उत्पाद शामिल है, जिन पर जीएसटी की 28 प्रतिशत की दर के ऊपर उप कर लगाया जाएगा, ताकि राज्यों को प्रतिपूरक भुगतान किया जा सकें. जबकि अन्य सभी वस्तु एवं सेवा पर चार स्लैब वाला टैक्स ही मान्य होगा.
जीएसटी काउंसिल ने 5% जीएसटी टैक्स स्लैब में आवश्यक वस्तुएं जैसे खाद्य पदार्थ, जूते-चप्पल और बुनियादी कपड़े शामिल हैं. साल 2019 में कैफीन युक्त पेय पर जीएसटी दर 18% से बढ़ाकर 28% किया गया. वहीँ 12% की दर से होटल टैरिफ पर जीएसटी की दर 1000 रुपये से 7500 रुपये तय की गई है. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, सीमेंट, च्युइंग गम, कस्टर्ड पाउडर, परफ्यूम, शैम्पू, मेकअप, फायरवर्क्स और मोटरसाइकिल पर 28% जीएसटी लगता है. जीएसटी दरों और संशोधनों की पूरी सूची यहां क्लिक कर देखें. आप आधिकारिक जीएसटी काउंसिल की वेबसाइट (gstcouncil.gov.in) पर वर्तमान जीएसटी स्लैब की भी जांच कर सकते हैं.