Good News: जरूरी दवाएं हुईं सस्ती, NPPA ने तय किए 128 दवाओं के दाम, यहां देखें पूरी लिस्ट

NPPA ने एंटी बायोटिक और एंटी वायरल समेत 128 दवाओं की कीमतों में संशोधन किया है जिससे हर व्यक्ति तक सस्ती और जरुरी दवाओं की पहुंच बनी रहे.

Medicine (Photo Credits: Pixabay)

Essential Medicines Became Cheaper: स्वास्थ्य सेवा के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ, केंद्र सरकार रोग के लिए जिम्मेदार कारकों को समाप्त करके और रोगों के उपचार को समावेशी बनाकर स्वास्थ्य के साथ-साथ कल्याण पर ध्यान केंद्रित कर रही है. हाल ही में राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने एंटी बायोटिक और एंटी वायरल समेत 128 दवाओं की कीमतों में संशोधन किया है जिससे हर व्यक्ति तक सस्ती और जरुरी दवाओं की पहुंच बनी रहे. NPPA ने कहा कि ‘‘इस अधिसूचना में शामिल दवा संयोजन वाली दवाएं बनाने वाली सभी कंपनियों को सरकार की तरफ से तय कीमत (जीएसटी अतिरिक्त) पर ही अपने उत्पाद बेचने होंगे. जो भी कंपनियां निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर अपनी दवाएं बेच रही थीं, उन्हें दाम में कटौती करनी होगी.” Railway Budget 2023: मोदी सरकार का तोहफा! अगले तीन साल में 35 नई हाइड्रोजन और 500 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना

NPPA क्या है?

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) का गठन वर्ष 1997 में भारत सरकार द्वारा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत औषधि विभाग (DoP) के एक संलग्न कार्यालय के तौर पर दवाओं के मूल्य निर्धारण हेतु स्वतंत्र नियामक के रूप में और सस्ती कीमतों पर दवाओं की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए किया गया था.

किन दवाइयों की कीमतें तय ?

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने जिन 128 दवाओं की कीमतें तय की है, उसमें कोविड में प्रयोग की जाने वाली पैरासीटाम़ॉल और एमोक्सलीन सहित कई गंभीर बीमारियों की दवा की कीमत में 40 प्रतिशत तक कमी आएगी.

कैंसर और ट्यूमर रोधी टैमोलाइजड की कीमत 662 रुपए में मिलेगी. इसी तरह हेपेटाइसिस की दवा सोफोस्बुविर 741 रुपए की जगह 468 रुपए में मिलेगी. जीवाण्विक संक्रमण में प्रयोग होने वाली 400 एमजी मोक्सीफ्लोक्सासिन दवा की किमत 31.5 रुपए प्रति टैबलेट थी जो अब 22.8 रुपए कर दी गई है. इसके अलावा मधुमेह रोगियों को दी जाने वाली ग्लाइमपिराइड, वोग्लीबोस और मेटफॉर्मिन संयोजन वाली एक गोली के लिए मूल्य 13.83 रुपए तय किया गया है. इसी तरह पैरासिटामोल, फेनिललीफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड, डाइफेनहाइड्रामाइन हाइड्रोक्लोराइड और कैफीन की एक गोली की खुदरा कीमत 2.76 रुपये रखी गई है. इससे पहले सरकार ने जुलाई में ही 84 दवाओं की कीमतें तय की थी.

मनमाने दामों पर नकेल

NPPA द्वारा दवाइयों की कीमतें तय हो जाने से कंपनियों द्वारा तय की गई कीमतों पर नकेल कसना आसान हो जायेगा. अक्सर गंभीर बीमारियों की दवाईयां जैसे जैसे एमाक्सीसिलिन एंड क्लेबू लेनिक एसिड, सैलबूटामोल और पैरासीटामोल महंगी होती थी, अक्सर लोगों को बीच में ही इलाज छोड़ना पड़ जाता है. इस बार NPPA ने 128 दवाओं की कीमतों में संशोधन जो किया है उसे देखकर प्रतीत होता है कि अब आम आदमी तक इलाज की पहुंच आसान होगी.

आयुष इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने पर जोर

केंद्र सरकार आयुष इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ज़ोर दे रही है ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो. पिछले 7-8 वर्षों में केंद्र सरकार ने आयुष इंफ्रास्ट्रक्चर को खड़ा करने में विशेष योगदान दिया है. आज लगभग 40,000 MSME आयुष क्षेत्र में सक्रिय हैं. आयुष उद्योग जो 8 साल पहले करीब 20 हजार करोड़ रुपये का था, आज करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. सरकार स्वास्थ्य सेवा में ‘अंत्योदय’ की सोच को कार्यान्वित करके गुणवत्तापूर्ण आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं और सस्ती दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित कर रही है. प्रधानमंत्री- जेएवाई सेकेंडरी और तृतीयक अस्पताल में भर्ती के लिए लगभग 10.74 करोड़ गरीब व कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को कवर कर रहा है. आयुष्मान कार्डों की संख्या 17.6 करोड़ है और 28,800 से अधिक सरकारी व निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है. प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएम बीजेपी) योजना पूरे भारत में लगभग 8,800 जन औषधि फार्मेसी दुकानों में 1,800 से अधिक सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है .

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