दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी 10 साल की बेटी से बलात्कार (Rape) करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश सीमा मैनी (Seema Maini) ने 40 वर्षीय व्यक्ति को पॉक्सो (बाल यौन अपराध संरक्षण) अधिनियम की धारा 6 और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) के तहत दोषी ठहराया. अदालत ने उस पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
अदालत ने कहा, ‘‘परिदृश्य भयावह है और जब यह भयावह अपराध किसी के अपने पिता द्वारा किया जाता है, जिसे बच्चे के लिए एक रक्षक और संरक्षक माना जाता है, तो उससे होने वाली शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक क्षति इतने बड़े स्तर की होती है, जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.’’
अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दोषी एक ऐसा दरिंदा है, जिसने अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार किया है और वह किसी भी तरह से माफी का हकदार नहीं है। दया की कोई भी दलील, जिसमें चाहे कुछ भी आधार पर दिया गया हो, वो सब निरर्थक है. अदालत ने दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को पीड़िता को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया, जो अब 13 वर्ष की हो गई है.