मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन-पत्र में किसानों के दो लाख रुपये तक के फसल ऋण माफ करने का वादा किया था, मगर बीजेपी और पूर्व मुख्यंमत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार झूठ बोलकर जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री चौहान पर झूठ बोलने और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और कहा, "कांग्रेस ने किसानों का फसल ऋण माफ करने का वादा किया था. उसे पूरा किया जा रहा है. खरगोन के एक किसान का उदाहरण देकर कर्ज माफ न होने की भाजपा की ओर से बात कही जा रही है. उस किसान ने ट्रेक्टर-टॉली के लिए कर्ज लिया था, हमने यह कभी नहीं कहा था कि यह कर्ज माफ होगा. कांग्रेस ने फसल ऋण माफ करने का वादा किया था, ट्रैक्टर-ट्रॉली, मकान, बेटी की शादी के लिए लिया गया कर्ज माफ करने का वादा हमने कभी नहीं किया था."
कमलनाथ ने भाजपा पर आरोप लगाया, "भाजपा लगातार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है. कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग से अनुमति की जरूरत नहीं है. वास्तव में चुनाव आयोग के निर्देश आवश्यक हैं, इसका प्रमाण आज मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा कर्जमाफी के लिए जारी किया गया पत्र है. इस पत्र में कहा गया है कि जिन जिलों में चुनाव प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहां के 4़ 83 लाख किसानों के खातों में राशि हस्तांतरित की जाए."
भाजपा के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा, "मैं देर से बोलता हूं, कम बोलता हूं, मगर झूठ नहीं बोलता. कर्जमाफी में दिक्कत है यह मानता हूं. एक किसान के चार बैंक खाते हैं, उसकी जांच की जानी है, सरकार को चुनाव आचार संहिता लगने से पहले जो समय मिला, उसमें यह काम किया जा सकता था क्या? जिन किसानों पर ढाई लाख रुपये का कर्ज है, उनका कर्ज माफ होने के बाद भी प्रमाण-पत्र नहीं दिया जा सकता, क्योंकि कर्ज तो दो लाख रुपये तक का ही माफ हो रहा है."
उन्होंने आगे कहा, "राज्य में लाखों की संख्या में ऐसे किसान हैं, जिन पर दो लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज है, लिहाजा उन्हें ऋण मुक्ति का प्रमाण पत्र नहीं मिल सकता. सरकार ने ऐसे किसानों के लिए प्रावधान किया है. दो लाख रुपये तो सरकार ने माफ कर दिए और उसके ऊपर की जो राशि है. अगर उसमें से आधी राशि किसान दे देता है तो उसे प्रमाण-पत्र मिलेगा. साथ ही उसे 50 फीसदी का अतिरिक्त लाभ मिल जाएगा. इसके लिए बैंक से वन टाइम सेटेलमेंट (ओटीएस) किया गया है."
ज्ञात हो कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले दो लाख रुपये तक का किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था. सत्ता में आने के बाद कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही दो घंटे के भीतर किसान कर्जमाफी के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे. राज्य के 55 लाख किसानों के कर्ज माफ होने हैं. अब तक 21 लाख किसानों के कर्ज माफ किए जाने का दावा किया जा रहा है.
भाजपा लगातार आरोप लगा रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 10 दिनों में किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था. साथ में कहा था कि अगर मुख्यमंत्री ऐसा नहीं करेगा तो उसे बदल दिया जाएगा. इन आरोपों का भी कमलनाथ ने जवाब दिया और कहा, "कांग्रेस ने 10 दिनों का समय दिया था. यह तो दो घंटे में ही हो गया था."