Bank Minimum Balance Charges: 1 अप्रैल 2025 से देश के प्रमुख बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो बैंक ग्राहकों को सीधे प्रभावित करेंगे. भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), केनरा बैंक सहित अन्य बैंकों ने अपने बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकताओं को संशोधित किया है.
नए नियमों के मुख्य बिंदु
न्यूनतम बैलेंस की नई सीमाएं: अब ग्राहकों को अपने बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना होगा, जो उनके खाते की शाखा के स्थान (शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण) पर निर्भर करेगा. उदाहरण के लिए, शहरी क्षेत्रों में स्थित शाखाओं के खाताधारकों को अधिक न्यूनतम बैलेंस रखना पड़ सकता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों के लिए यह सीमा कम हो सकती है.
जुर्माना शुल्क: यदि खाता धारक निर्धारित न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं, तो उन्हें पेनाल्टी शुल्क देना होगा. यह शुल्क बैंक और खाते के प्रकार के अनुसार भिन्न हो सकता है.
ग्राहकों के लिए सुझाव
बैंक से संपर्क करें: अपने बैंक की स्थानीय शाखा या ग्राहक सेवा से संपर्क करके अपने खाते के लिए लागू न्यूनतम बैलेंस की जानकारी प्राप्त करें.
खाते की निगरानी करें: अपने खाते के बैलेंस की नियमित रूप से जांच करें ताकि न्यूनतम बैलेंस से कम होने पर जुर्माने से बचा जा सके.
ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करें: बैंक की ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करके अपने खाते की स्थिति पर नजर रखें और आवश्यकतानुसार बैलेंस बनाए रखें.
इन नए नियमों का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में अधिक अनुशासन और स्थिरता लाना है. ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे इन परिवर्तनों के प्रति सतर्क रहें और अपने वित्तीय लेन-देन की योजना नए दिशानिर्देशों के अनुसार बनाएं.
ATM से पैसे निकालना महंगा
एक मई से एटीएम से पैसे निकालना महंगा हो जाएगा, क्योंकि रिजर्व बैंक ने बैंकों को एटीएम इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी है. अब हर महीने एटीएम से निःशुल्क निकासी की संख्या सीमित कर दी गई है, जिससे ग्राहकों की लागत बढ़ेगी, खासकर जब वे किसी अन्य बैंक के एटीएम का उपयोग करेंगे. नई व्यवस्था के तहत अब किसी अन्य बैंक के एटीएम से हर महीने केवल तीन बार ही पैसा निकाला जा सकेगा, इसके बाद हर लेनदेन पर 20 से 25 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा.













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