7th Pay Commission: क्या मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की इस मांग पर लगाएगी मुहर? जानिए डिटेल्स
केंद्र सरकार ने हाल ही में महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को बहाल कर अपने लाखों कर्मचारियों और उतने ही पेंशनभोगियों को बड़ी राहत दी. केंद्र सरकार ने जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 के सस्पेंड डीए व डीआर को 1 जुलाई से वापस शुरू कर दिया है. इसके बाद, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत मूल वेतन का 28 फीसद प्रतिमाह डीए मिल रहा है.
7th CPC Latest News: केंद्र सरकार ने हाल ही में महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को बहाल कर अपने लाखों कर्मचारियों और उतने ही पेंशनभोगियों को बड़ी राहत दी. केंद्र सरकार ने जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 के सस्पेंड डीए व डीआर को 1 जुलाई से वापस शुरू कर दिया है. इसके बाद, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत मूल वेतन का 28 फीसद प्रतिमाह डीए मिल रहा है. हालांकि सरकार ने साफ कहा है कि 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 की अवधि के लिए कोई बकाया भुगतान (एरियर) नहीं किया जाएगा. 7th Pay Commission: इन राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए खोला सौगातों का पिटारा, कई राज्यों की तैयारी जारी
सरकार ने कहा, "1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 की अवधि के लिए डीए की दर 17 प्रतिशत रहेगी." गौरतलब है कि केंद्र ने जनवरी 2020 में डीए में 4 फीसदी, जून 2020 में 3 फीसदी और इस साल जनवरी में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. हालांकि, कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस वेतन वृद्धि को रोक दिया गया था. इसलिए तीन बढ़ोतरी के बावजूद डीए की दर जनवरी 2020 से जून 2021 तक 17 फीसदी पर बनी रही.
केंद्र ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बकाया का भुगतान नहीं किया जाएगा. हालांकि, नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम (स्टाफ साइड) एरियर की मांग कर रहा है. एक हिंदी दैनिक से बात करते हुए, जेसीएम सचिव शिव गोपाल मिश्रा (Shiv Gopal Mishra) ने कहा कि बकाया पर सरकार का निर्णय अतार्किक है. केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से केंद्र के साथ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर बातचीत करने वाले मिश्रा ने कहा कि सरकार डीए और डीआर (महंगाई राहत) को रोक नहीं सकती है.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया और तर्क दिया कि बकाया के भुगतान से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आर्थिक मदद मिलेगी और साथ ही बाजार में नकदी प्रवाह में वृद्धि होगी, अंततः कोरोनो वायरस प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. हालांकि केंद्र सरकार अभी एरियर देने के मूड में नहीं लग रही है, लेकिन दबाव बढ़ने पर कर्मचारियों की इस मांग पर गौर किया जा सकता है. फिलहाल इसकी भी संभावना बहुत कम ही है.