7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के इस नियम से मिल रहा बड़ा फायदा, आप भी जानिए

केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के मकसद से समय-समय पर बड़े फैसले लेती रहती है. इसी क्रम में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (10) (iii) के तहत ग्रेच्युटी के लिए आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया है.

रुपया (Photo Credits: PTI)

7th CPC News: केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के मकसद से समय-समय पर बड़े फैसले लेती रहती है. इसी क्रम में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (10) (iii) के तहत ग्रेच्युटी के लिए आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया है. हालांकि यह संशोधन दो साल पहले किया गया था. इससे पीएसयू के उन कर्मचारियों को फायदा होगा, जो पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत नहीं आते थे. इस छूट की सीमा को बढ़ाने से आयकर छूट में अच्छी-खासी राहत मिलेगी. 7th Pay Commission: मोदी सरकार ने बदला पेंशन का यह नियम, अब मिलेगा ढाई गुना ज्यादा फायदा

पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत ग्रेच्युटी राशि की सीलिंग सीमा समय-समय पर सभी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और नियोक्ताओं की भुगतान करने की क्षमता एवं निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कार्य करने वाले कर्मचारियों के वेतन वृद्धि को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है.

ग्रेच्युटी की सीलिंग की वृद्धि को भारत सरकार के 29 मार्च 2018 की अधिसूचना के अनुसार किया है, जिसके तहत ग्रेच्युटी राशि की सीमा को 10 लाख रूपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपए कर दिया गया जो 29 मार्च 2018 से प्रभावी हुआ है.

ग्रेच्युटी को सरल शब्दों में समझाया जाए तो, इसका मतलब कर्मचारियों की सेवा के बदले कंपनी द्वारा साभार जताने हेतु दी गई धनराशी है. ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का एक निश्चित मानक है- हर साल के बदले आखिरी महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) जोड़कर उसे पहले 15 से गुणा किया जाता है. फिर उसी कंपनी में नौकरी के सालों की संख्या से और इसके बाद आने वाली रकम को 26 से भाग दिया जाता है. वर्तमान समय में पांच साल की नौकरी पर ही ग्रेच्युटी मिलती है.

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