7th Pay Commission: इन केंद्रीय कर्मचारियों को मिलता है एक खास तरह का भत्ता, जानें 7वें सीपीसी का यह नियम
रुपया (Photo Credits: PTI)

7th CPC Latest News: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद से केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) की सैलरी तो बढ़ी ही है, साथ ही कई तरह के अन्य फायदे भी मिलने लगे. इसी में से एक दिव्यांग महिलाओं को मिलने वाला शिशु देखभाल भत्ता भी है, जो एक स्पेशल भत्ता है. केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चे कब होते है दो फैमिली पेंशन पाने के हकदार? मोदी सरकार ने बदल दिया है नियम

7वें केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के अमल में आने के बाद दिव्यांग महिला कर्मचारियों को तीन हजार रुपये बतौर शिशु देखभाल संबंधी विशेष भत्ते का लाभ मिलने लगा. यह भत्ता बच्चे के जन्म से लेकर उसके दो वर्ष की आयु होने तक प्रदान की जाती है, जो कि अधिकतम दो बड़े बच्चों तक ही देय है. यह भत्ता 1 जुलाई, 2017 से प्रभावी है. केन्द्र सरकार की सभी दिव्यांग महिला कर्मचारियों के लिए लागू है और इसमें तैनाती स्थल से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

शिशु देखभाल भत्ता के नियम

केंद्र सरकार अपने दिव्यांग महिला कर्मचारियों को शिशु देखभाल भत्ता देती है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अनुसार, केंद्र सरकार में कार्यरत दिव्यांग महिलाओं (जिनकी दिव्यांगता 40% या उससे अधिक है) को 3000 रुपये प्रतिमाह शिशु देखभाल भत्ता दिया जाता है. 7वें केंद्रीय वेतत आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने के परिणामस्वरूप, दिव्यांग महिला कर्मचारियों के लिए शिशु देखभाल भत्ते की दर को 1 जुलाई 2017 से 1500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है. यह भत्ता बच्चे के जन्म के समय से लेकर बच्चे की उम्र दो साल होने तक देय है.

संशोधित वेतन ढांचे (पे स्ट्रक्चर) पर महंगाई भत्ते (DA) में 50 फीसदी की वृद्धि होने पर उपर्युक्त भत्ते में हर बार 25% की वृद्धि खुद ही हो जाती है. यह भत्ता अधिकतम दो सबसे बड़े जीवित बच्चों के लिए देय है. यह केंद्र सरकार की सभी दिव्यांग महिला कर्मचारियों पर लागू है, साथ ही भारत के किसी भी स्थान पर कार्य कर रहीं दिव्यांग महिलाओं को इस भत्ते का एक समाना लाभ मिलेगा.

उल्लेखनीय है कि महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) केंद्र सरकार के सेवारत कर्मचारियों को प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई को प्रदान की जाती है. आम तौर पर इसका भुगतान क्रमश: मार्च और सितंबर महीने में किया जाता है. महंगाई भत्ते (डीए) की दर की घोषणा केंद्रीय मंत्रिमंडल के अनुमोदन के बाद ही की जाती है. इस पर हर साल केंद्र सरकार के हजारों करोड़ों रुपये खर्च होते है. हाल ही में मोदी सरकार ने डीए में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद महंगाई भत्ता और महंगाई राहत बढ़कर मूल वेतन का 34% हो गया है.