7th Pay Commission: ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर अब सरकारी कर्मचारियों में जगी उम्मीद, क्या मोदी सरकार भी लेगी कोई फैसला!

सातवां वेतनमान पाने वाले केंद्र और राज्य सरकार के लाखों कर्मचारी अपने महंगाई भत्ते और कई महीनों से अटके डीए एरियर को लेकर बड़ी घोषणा होने का इंतजार कर रहे है. लेकिन सरकार की ओर से इन दोनों के संबंध में अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया है.

रुपया (Photo Credits: Twitter)

7TH CPC Latest News: सातवां वेतनमान पाने वाले केंद्र और राज्य सरकार के लाखों कर्मचारी अपने महंगाई भत्ते और कई महीनों से अटके डीए एरियर को लेकर बड़ी घोषणा होने का इंतजार कर रहे है. लेकिन सरकार की ओर से इन दोनों के संबंध में अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया है. इस बीच सरकारी कर्मचारियों में एक आस और जगी है और वो है पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली! दरअसल राजस्थान सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली के फैसले ने बाद अन्य राज्यों के कर्चारियों और यहां तक की केंद्रीय कर्चारियों के लिए भी इसे लागू करने की मांग उठने लगी है.

गौरतलब है कि राजस्थान सहित देश के दूसरे राज्यों में कर्मचारी संघ लंबे समय से पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं. ऐसे में राजस्थान सरकार ने कर्मचारी संघ की मांग को मानते हुए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का ऐलान बीते बुधवार को कर दिया. 7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बड़ा झटका! 18 महीने के डीए बकाया पर आया यह नया अपडेट

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में प्रदेश का बजट पेश करते हुए सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी. सीएम अशोक गहलोत ने सरकारी कर्मचारियों की वेतन कटौती का 2017 का फैसला वापस ले लिया. इससे सरकार पर 1000 करोड़ का भार आएगा. इसके अलावा प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने की घोषणा की.

ज्ञात हो कि साल 2004 में पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया गया था. यानी वर्ष 2004 के बाद की नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को पेंशन की पात्रता नहीं है. इसके चलते सरकारी कर्मचारियों के सामने बुढ़ापे के समय जीवन यापन के लिए आवष्यक धनराशि का जुगाड़ करने की चुनौती थी.

मध्य प्रदेश राज्य शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव ने सरकार से मांग की है कि वे भी कर्मचारी विरोधी नई पेंशन नीति के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय ले. उन्होंने राजस्थान सरकार के फैसले को अन्य राज्यों और केंद्र सरकार के लिए अनुकरणीय बताते हुए कहा कि विगत कई वर्षों से प्रदेश के कर्मचारी राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की कमियों से सरकार को अवगत करा रहे है, अनेक मौकों पर धरना प्रदर्शन भी किया है.

उल्लेखनीय है कि साल 2004 से पहले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती थी. यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित होती थी. इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन का प्रावधान था. बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था और नई पेंशन योजना एनपीएस लागू की गई थी.

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