7th Pay Commission Latest News: सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी पाने वाले राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. राजस्थान सरकार पहले ही अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली का काम शुरू कर चुकी है. इसके साथ अब राज्य सरकार ने राजस्थान के सभी कर्मचारियों को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) के दायरे में लाने का बड़ा फैसला लिया है. जानकारी के अनुसार, राजस्थान कैबिनेट ने राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम, 2021 में संशोधन करने का निर्णय किया है जिससे राज्य सरकार के सभी कर्मचारी जीपीएफ के दायरे में आएंगे. 7th CPC: इन सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम की सौगात देने की उठी मांग, दिया गया यह तर्क
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बीते शनिवार को हुई बैठक में ‘राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि जीपीएफ नियम, 2021’ में संशोधन करने का फैसला हुआ. इस प्रस्ताव की क्रियान्वयन के क्रम में एक जनवरी 2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त राज्य कर्मचारियों पर राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम, 2021 के प्रावधान लागू होंगे. इससे ये कार्मिक निर्धारित जीपीएफ अभिदान की कटौती करते हुए जीपीएफ के प्रावधानों के अंतर्गत एक जनवरी 2004 से पहले नियुक्त कर्मचारियों के समान ही जीपीएफ के दायरे में आ जाएंगे.
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने 23 फरवरी को पेश बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की घोषणा की थी. इसके तहत एक जनवरी 2004 व उसके बाद नियुक्त हुए समस्त कर्मियों के लिए एक अप्रैल 2022 से पुरानी पेंशन योजना लागू हुई. जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन से एक अप्रैल से 10 फीसदी की कटौती भी खत्म हो गई है. इससे पहले नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत जनवरी 2004 से भर्ती हुए कर्मचारियों के मूल वेतन में से हर महीने 10 प्रतिशत की कटौती की जाती थी. इस कटौती के समाप्त होने से प्रत्येक कर्मचारी को 2,000 रुपये से 10,000 रुपये प्रति माह के बीच की राशि के साथ बढ़ा हुआ वेतन मिल रहा है.
गहलोत ने राज्य के बजट में वर्ष 2004 और उसके बाद भर्ती हुए कर्मचारियों पर लागू नई पेंशन योजना को समाप्त कर इस वर्ष एक अप्रैल से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी. नई पेंशन योजना में कर्मचारी के मूल वेतन का 10 फीसदी एनपीएस के लिए काटा जा रहा था. नई पेंशन योजना के तहत लगभग 5.50 लाख कर्मचारियों को अब उक्त लाभ मिलेगा.
वहीं, जबकि आरजीएचएस में पेंशनभोगी चिकित्सा कोष में काटी गई राशि का समायोजन करने के बाद शेष राशि सेवानिवृत्ति के समय ब्याज सहित वापस की जाएगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि यह फैसला मानवीय आधार पर किया गया है. उन्होंने दावा किया कि ओपीएस के कार्यान्वयन से कोई विकास कार्य प्रभावित नहीं होगा.