इंदिरा गांधी पुण्यतिथि विशेष: पाकिस्तान को धूल चटाकर बनाया था बांग्लादेश, अमेरिका को भी दिखाई थी आंख, अटल ने कहा था दुर्गा

इंदिरा गांधी भारत की ही नहीं बल्कि पुरे विश्व की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. इंदिरा एक सशक्त महिला थी, उनके बुलंद हौसलें, हिम्मत की मिसाल आज भी दी जाती है. इंदिरा ने देश के लिए कई महतवपूर्ण निर्णय लिए. इंदिरा का ही सशक्त नेतृत्व था जिसकी बदौलत बांग्‍लादेश एक स्‍वतंत्र राष्‍ट्र के रूप में अस्तित्‍व में आया.

भारत की आयरन लेडी श्रीमती इंदिरा गांधी (Photo Credit-Getty Images)

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज पुण्यतिथि है. इंदिरा गांधी को भारत की आयरन लेडी कहा जाता है. भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी एक महान नेता के रूप में जानी जाती है. इंदिरा अपने पिता और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के निधन के बाद सक्रीय राजनीति में आई. इंदिरा उस दौर की महिला प्रधानमंत्री बनी जब देश की राजनीति में पुरुषों का ही वर्चस्व था. उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में सूचना और प्रसारण मंत्री का पद संभाला था. इसके बाद शास्त्री जी के निधन पर वह देश की तीसरी प्रधानमंत्री चुनी गईं. इंदिरा गांधी को वर्ष 1971 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था.

इंदिरा गांधी भारत की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. इंदिरा एक सशक्त महिला थी, उनके बुलंद हौसलें, हिम्मत की मिसाल आज भी दी जाती है. इंदिरा ने देश के लिए कई महतवपूर्ण निर्णय लिए. इंदिरा का ही सशक्त नेतृत्व था जिसकी बदौलत बांग्‍लादेश एक स्‍वतंत्र राष्‍ट्र के रूप में अस्तित्‍व में आया. भारत ने उनके ही राज में पहली बार अंतरिक्ष में अपना झंडा स्‍क्‍वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के रूप में फहराया था.

जानिए इंदिरा गांधी के बारे में कुछ रोचक तथ्य

अटल बिहारी ने इस लिए कहा था दुर्गा

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संसद में दिए हुए एक भाषण की अक्सर चर्चा की जाती है जिसमें उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कथित तौर पर दुर्गा कहकर संबोधित किया था.

वर्ष 1971 में अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे और इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री. अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष के नेता के तौर पर एक कदम आगे जाते हुए इंदिरा को 'दुर्गा' कहा था. वाजपेयी ने यह शब्‍द इंदिरा को उस समय यह उपमा दी जब भारत को पाकिस्‍तान पर 1971 की लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई थी.

जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा चालाक लोमड़ी

इंदिरा की कड़क नेतृत्व और निर्णय लेने का नतीजा था जिससे अमेरिका का सातवां बेड़ा खड़ा ही रह गया. भारत ने बांग्लादेश को मुक्त कराने की कार्रवाई जिस तेजी से की उसे देखकर दुनिया दंग रह गई. हैरान अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने उन्हें चालाक लोमड़ी कहकर गुस्सा निकाला.

क्या था इंदिरा का आखिरी भाषण

इंदिरा गांधी की मौत से एक दिन पहले यानी 30 अक्टूबर को एक चुनावी सभा को संबोधित किया था. रेड साड़ी किताब में इस बात का जिक्र है. किताब में लिखा गया है "30 अक्टूबर 1984 के दिन इंदिरा गांधी को उड़ीसा में एक बड़ी सभा को संबोधित करना था. हमेशा की तरह उनका भाषण उनकी सूचना सलाहकार एचवाई शारदा प्रसाद ने तैयार किया था.

इंदिरा अपने आखिरी भाषण की स्क्रिप्ट भूल गई थी. जिसके बाद उन्होंने अपने भावनात्मक भाषण जनता के सामने रख दिया. उन्होंने कहा " मैं आज हूं और हो सकता है कल यहां न रहूं, लेकिन जब मैं मरूंगी तो मेरे खून का हर एक कतरा भारत को मजबूत करने में लगेगा."

वह आखिरी रात जब इंदिरा को नींद नही आई

इंदिरा गांधी की कही बात उनकी मौत के बाद सभी के दिमाग में घूम रही थी. क्योंकि अपने आखिरी भाषण में उन्होंने जो कहा था वह उसी के अगले दिन सच हो गया था. इंदिरा को हिंसात्मक तरीके से मार दिया गया.

रेड साड़ी नमक किताब में लिखा है कि भाषण के बाद इंदिरा वापिस दिल्ली आईं, उस रात इंदिरा को नींद नहीं आ रही थी. उनके चेहरे पर बेचैनी साफ़ दिख रही थी. किताब में लिखा गया है कि ''30 अक्टूबर की रात में इंदिरा जाग ही रही थीं कि तभी सोनिया गांधी अपनी दवाई खाने के लिए उठीं. इंदिरा भी सोनिया को देख कर उठ गईं और दवाई तलाशने में सोनिया की मदद करने लगीं. उन्होंने सोनिया से कहा कि उन्हें किसी भी चीज की जरूरत हो तो बता दें वह जाग ही रही हैं."

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