भारतीय वैज्ञानिक कृष्णन का पीएम मोदी के मंत्री के बारे में बड़ा दावा, कहा- कलाम से बड़े वैज्ञानिक बनेंगे हर्षवर्धन, आइंस्टीन-न्यूटन को नहीं था ज्ञान
कृष्णन ने हर्षवर्धन के बारे में दावा करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में ‘मिसाइल मैन’ के नाम से दुनिया में मशहूर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से बड़े वैज्ञानिक बन जाएंगे. भारतीय वैज्ञानिक कृष्णन के इस बयान को सुनकर लोग हैरान है.
चंडीगढ़: देश के नेता ही अब तक अजीबो गरीब बयान दे रहे थे अब देश के वैज्ञानिक भी इस तरह का बयान देने शुरू कर दिए है. पंजाब के जालंधर में तीन जनवरी को 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन हुआ. इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे भारतीय वैज्ञानिक डॉ. कन्नन कृष्णन जगाथला (Dr. Kannan Jegathala Krishnan) ने पीएम मोदी के केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन के बारे में, एक ऐसा चौकाने वाला बयान दिया है. कृष्णन ने हर्षवर्धन के बारे में दावा करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में ‘मिसाइल मैन’ के नाम से दुनिया में मशहूर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से बड़े वैज्ञानिक बनेंगे. भारतीय वैज्ञानिक कृष्णन के इस बयान को सुनकर लोग हैरान है.
दरअसल पीएम मोदी द्वारा तीन जनवरी को 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन के दूसरे दिन 4 जनवरी को आइंस्टीन के सिद्धांत पर चर्चा के लिए भारतीय वैज्ञानिक कृष्णन को बुलाया गया था. यहां उन्होंने लोगों के बीच अपना स्पीच देते हुए कहा कि आइंस्टीन को रिलेटिविटी की थ्योरी और न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण का नियम की सही-सही जानकारी ही नहीं थी. वहीं आगे उन्होंने एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि आने वाले समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन भारत के ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम से बड़े वैज्ञानिक बनेंगे और दुनिया उन्हें सलाम करेगी. बता दें कि भारतीय वैज्ञानिक कनक जगाथला कृष्णन खुद को तमिलनाडु के अलियर स्थित विश्व सामुदायिक सेवा केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक होने का दावा करते हैं.
वहीं आगे उन्होंने ने अपने स्पीच में यह दावा करते हुए कहा कि जिन सवालों के जवाब आइंस्टीन और न्यूटन नहीं खोज पाए थे, उसका हल उनके पास है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि बल्कि अल्बर्ट आइंस्टीन ने भौतिक के प्रिंसिपल ऑफ रिलेटिविटी को लेकर दुनिया को गुमराह किया। जगाथला कृष्णन कृष्णन ने आगे ये भी दावा किया कि अगर लोगों ने एकबार गुरुत्वाकर्षण के इस सिद्धांत को स्वीकार कर लिया और उनके लिए इसके मायने बदल जाते हैं. जिसके बाद आने वाले समय में गुरुत्वाकर्षण तरंगों को 'नरेंद्र मोदी तरंग' और गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव 'हर्षवर्धन प्रभाव' के नाम से जाना जाएगा.