रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भारत लगातार रक्षा के मामलों में अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है. भारत सरकार मेक इन इंडिया के तहत घरेलू रक्षा उत्पादों पर तेजी से काम कर रही है. भारत की मिसाइलों को कई देश अपने हथियारों के जखीरे में शामिल करना चाहते हैं. रक्षामंत्री ने कहा कि कई देशों ने भारत की मिसाइलों को अपने बेड़े में शामिल करने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि भारत के पास घरेलू रक्षा उत्पादों की बिक्री के लिए प्रयाप्ता निर्यात क्षमता है.
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के एक इवेंट में रक्षा मंत्री ने कहा, “हमारे इंटिग्रेटेड मिसाइल प्रोग्राम की दुनियाभर में बात होती है, क्योंकि इसके नतीजे हर किसी को पता हैं. मैं यह बताना चाहती हूं कि उत्पादकों के पास भारतीय सेना के अलावा भी एक बाजार मौजूद है.” निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत को निर्यातक बनने के लिए एक लॉन्ग टर्म प्लान की जरूरत है. उन्होंने सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिल लिमिटेड (HAL) का उदाहरण देते हुए कहा, “मैं काफी समय से एचएएल को निर्यात बढ़ाने के लिए कह रही हूं. एयरफोर्स से आपको भुगतान समय पर न मिलने की शिकायत हो सकती है, लेकिन इस बारे में भी विवाद है कि आप समय पर उत्पादों की सप्लाई नहीं देते.”
रक्षा मंत्री के मुताबिक, एचएएल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के बावजूद एयरफोर्स के पहले से लिए गए ऑर्डरों को पूरा करने में अभी काफी समय लग सकता है. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के पास विभिन्न उपकरणों के निर्यातक होने की अपार संभावनाएं हैं. "मैं यहां तक भी कह सकती हूं कि भारत के पास एक युद्धपोत निर्माण करने की क्षमता भी है. दुनिया भारत की इस क्षमता को बहुत अच्छी तरह से जानती है.