करतारपुर कॉरिडोर: वाघा बॉर्डर पर चर्चा के लिए भारत-पाकिस्तान तैयार, 14 जुलाई को होगी बैठक
भारत करतारपुर वार्ता में बड़ी उम्मीदों के साथ शामिल हो रहा है. इस बात पर चर्चा होनी है कि कौन लोग कॉरिडोर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें श्रद्धालुओं के आने जाने और वीजे के इंतजाम को लेकर चर्चा होनी है. भारत-पाकिस्तान के विशेषज्ञ करतारपुर कॉरिडोर के स्वरूप को अंतिम रूप देने के लिए मसौदा समझौता पर चर्चा करने को लेकर रविवार को वाघा सीमा पर बैठक करेंगे.
नई दिल्ली. भारत करतारपुर (Kartarpur Corridor) वार्ता में बड़ी उम्मीदों के साथ शामिल हो रहा है. इस बात पर चर्चा होनी है कि कौन लोग कॉरिडोर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें श्रद्धालुओं के आने जाने और वीजे के इंतजाम को लेकर चर्चा होनी है. यह कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) पाकिस्तान (Pakistan) के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं की वीजा मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगा. सूत्रों के मुताबिक भारत की तरफ करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) का निर्माण 31 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा.
बता दें कि भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के विशेषज्ञ करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) के स्वरूप को अंतिम रूप देने के लिए मसौदा समझौता पर चर्चा करने को लेकर रविवार को वाघा सीमा (Wagah Border) पर बैठक करेंगे. दोनों देश इस संबंध में तकनीकी मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे. यह भी पढ़े-पाकिस्तान ने मानी भारत की बात, करतारपुर कॉरिडोर पर दोनों देश 14 जुलाई को करेंगे बातचीत
श्रद्धालुओं को महज करतारपुर साहिब (Kartarpur Corridor) की यात्रा के लिए परमिट हासिल करनी होगी, जिसे सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने वर्ष 1522 में स्थापित किया था.
गौरतलब है कि इससे पहले विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत करतारपुर साहिब गलियारा परियोजना (Kartarpur Corridor) के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और तेजी से इसका काम पूरा करना चाहता है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि हम इस परियोजना (Kartarpur Corridor) को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि सरकार लोगों और करतारपुर साहिब (Kartarpur Sahib) के तीर्थयात्रियों की भावना से परिचित है.