नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच सीमा पार बनने वाले करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) के लिए बातचीत का दिन तय हो गया है. दरअसल पाकिस्तान ने भारत की बात मानते हुए दूसरे दौर की बैठक के लिए 14 जुलाई का दिन पक्का किया है. तारीख की पुष्टि करते हुए मंगलवार को पाकिस्तान ने भारतीय पक्ष के प्रतिनिधिमंडल के बारे में जानकारी मांगी है.
माना जा रहा है कि दोनों देश इस दौरान करतारपुर कॉरिडोर के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दे सकते है. इस बैठक में कई तकनीकी मुद्दों पर चर्चा और विवादास्पद तत्वों को लेकर समझौता किया जा सकता है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में पुष्टी करते हुए कहा कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर पर 14 जुलाई को बातचीत के लिए तैयार है. सभी संबंधित तकनीकी मुद्दों के मसौदा समझौते पर चर्चा के लिए यह बैठक वाघा पर होगी.
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गुरू नानक देवजी की जयंती से पहले हो सकता है तैयार-
विदेश मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान इस मामले की शीघ्र प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह सुनिश्चित हो कि गलियारे से नवंबर 2019 में गुरू नानक देवजी के 550वीं जयंती समारोह के लिए उचित समय पर आवागमन शुरू हो. यह पर्व भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में मनाया जाता है.
गौरतलब हो कि 4.2 किलोमीटर लंबे करतारपुर कॉरीडोर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के हिस्से में पड़ता है. दोनों देश इससे पहले 27 मई को पंजाब के डेरा बाबा नानक सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगने वाले जीरो लाइन पर मिलकर करतारपुर साहिब के निर्माण के लिए तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की थी.
नहीं लगेगा वीजा-
आपको बता दें कि यह पाकिस्तान के करतारपुर स्थित करतारपुर साहिब को गुरदासपुर जिले में मौजूद डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा. जिससे भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के आवागमन कर सकते है. हालांकि श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए परमिट लेना आवश्यक होगा. करतारपुर कॉरिडोर सिख श्रद्धालुओं के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है. सिख धर्म की नींव रखने वाले गुरू नानक देव ने 1522 ईसवी में करतारपुर साहिब की स्थापना की थी.