बालासोर: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बीती रात सतह से सतह पर मार करने और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल 700 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को भेद सकती है.
जानकारी के मुताबिक अग्नि-1 मिसाइल का तीसरा उड़ान परीक्षण मंगलवार रात करीब 8 बजे एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर किया गया. स्वदेश निर्मित यह मिसाइल करीब 1000 किलोग्राम हथियार लेकर 700 किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम है. यह परीक्षण सेना की तरफ से यूजर ट्रायल के तहत किए जा रहे हैं.
रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अग्नि-1 का 18वां संस्करण है. रक्षा सूत्रों के अनुसार, सतह से सतह पर मार करने वाली एकल चरण मिसाइल को सैन्य बलों द्वारा नियमित परीक्षण अभ्यास के तहत लॉन्च किया गया है. अग्नि -1 मिसाइल में एक विशेष नेविगेशन प्रणाली है जो यह सुनिश्चित करती है कि मिसाइल बिल्कुल सटीक तरीके से अपना निशाना भेदने में सफल हो.
अग्नि-1 मिसाइल में आधुनिक नैविगेशन प्रणाली लगी है, जो मिसाइल का बेहद सटीकता और परिशुद्धता के साथ तय लक्ष्य तक पहुंचना सुनिश्चित करता है. सेना सूत्रों के मुताबिक मिसाइल को पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है. इसने मारक दूरी, सटीकता और मारक क्षमता के क्रम में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को साबित किया है.
12 टन के वजन और 15 मीटर की लंबाई वाली अग्नि-1 मिसाइल अपने साथ एक टन से ज्यादा का पेलोड ले जा सकती है. इसकी मारक दूरी को पेलोड कम करके बढ़ाया जा सकता है. अग्नि-1 का विकास डीआरडीओ की प्रमुख मिसाइल विकास प्रयोगशाला अडवांस्ड सिस्टम्स लैबरेटरी ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र इमारत के साथ मिलकर किया.