Agni Prime: भारत ने अग्नि सीरीज की नई मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ का किया सफल परीक्षण, परमाणु बम के साथ 1500 km दूर बैठे दुश्मनों का सफाया करने में माहिर

भारत ने आज सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर ओडिशा (Odisha) के तट पर अग्नि सीरीज (Agni Series) की एक नई मिसाइल अग्नि-प्राइम (Agni-Prime) का सफल परीक्षण किया. सरकारी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि नई परमाणु-सक्षम मिसाइल पूरी तरह से कम्पोजिट मटेरियल (Composite Material) से बनी है. अग्नि-प्राइम का यह एक टेक्स्टबुक लॉन्च (Textbook Launch) था.

अग्नि मिसाइल (File Photo)

नई दिल्ली: भारत ने सोमवार को ओडिशा (Odisha) के तट पर अग्नि सीरीज (Agni Series) की एक नई मिसाइल अग्नि-प्राइम (Agni-Prime) का सफल परीक्षण किया. सरकारी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि आज सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर अग्नि-प्राइम को लॉन्च किया गया. नई परमाणु-सक्षम मिसाइल पूरी तरह से कम्पोजिट मटेरियल (Composite Material) से बनी है. अक्टूबर-दिसंबर में भारत को मिलेगी एस-400 मिसाइल प्रणाली: रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के सीईओ

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अग्नि-प्राइम का यह एक टेक्स्टबुक लॉन्च (Textbook Launch) था. यह परीक्षण ओडिशा के सुदूर तटीय क्षेत्र चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से किया गया. यह मिसाइल एक छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) है जिसकी मारक क्षमता 1000 किमी से 1500 किमी होगी. यह सतह से सतह (Surface to Surface Missile) पर मार करने वाली मिसाइल है जो परमाणु हमला करने में भी सक्षम है. इसकी पेलोड क्षमता लगभग 1,000 किलोग्राम है. दोहरे चरण वाली मिसाइल अपने पूर्ववर्ती 'अग्नि-1' (Agni-1) मिसाइल की तुलना में हल्की और अधिक आकर्षक है.

डीआरडीओ ने आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम के विकास को जारी रखते हुए 24 और 25 जून 2021 को मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल)से देश में विकसित पिनाका रॉकेट के विस्तारित रेंज संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. परीक्षण के दौरान 25 उन्नत पिनाका रॉकेटों को लॉन्‍च किया गया. जिन्हें एक के बाद एक लगातार लक्ष्य के तरफ प्रक्षेपित किया गया. परीक्षण के दौरान सभी उद्देश्यों को हासिल कर लिया गया. उन्नत पिनाका रॉकेट सिस्टम 45 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेद सकता है. इस दौरान आईटीआर और प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टैब्लिशमेंट (पीएक्सई) द्वारा तैनात रेंज उपकरण टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए सभी प्रक्षेपणों पर नजर रखी गई. उन्नत पिनाका प्रणाली को लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने के लिए विकसित किया गया है.

उल्लेखनीय है कि पिछले साल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सितंबर और अक्टूबर के बीच छह सप्ताह की अवधि में 12 मिसाइलें लॉन्च की थीं. सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) आखिरी मिसाइल तकनीक थी जिसका परीक्षण 5 मार्च को ओडिशा तट के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से किया गया था.

Share Now

\