नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाफ अपना रुख सख्त करते हुए भारत ने बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर में दो स्थानों पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के जरिए व्यापार अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दिया. यह स्थगन शुक्रवार से प्रभावी होगा. सीमा पार के तत्वों द्वारा हथियार, मादक पदार्थों और नकली मुद्रा की तस्करी के लिए इस मार्ग का दुरुपयोग होने की रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया गया.
गृह मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि नियंत्रण रेखा के जरिए व्यापार के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग की रिपोर्ट के बाद कश्मीर क्षेत्र के बारामूला के सलामाबाद और जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले के चक्कन-दा-बाग में व्यापार रोकने के आदेश जारी किए गए हैं.
इसमें कहा गया है कि इसलिए भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर के सलामाबाद और चक्कन-दा-बाग में नियंत्रण रेखा के जरिए व्यापार को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का फैसला किया है.
बयान में कहा गया है कि एक सख्त विनियामक और प्रवर्तन तंत्र तैयार किया जा रहा है और विभिन्न एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श के बाद इसे लागू किया जाएगा. उसके बाद नियंत्रण रेखा के जरिए कारोबार फिर शुरू करने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा.
इस घोषणा के तत्काल बाद जम्मू कश्मीर में राजनीतिक दलों ने इसे ‘‘चुनावी हथकंडा’’ बताया.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वर्षों से हम पूरे ट्रक की जांच के लिए जोर देते रहे हैं. लेकिन इसके बदले उन्होंने पूरी तरह से व्यापार बंद कर दिया है.
उन्होंने कहा कि एलओसी के जरिए व्यापार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत थी और उनके उत्तराधिकारी मनमोहन सिंह ने उसे आगे बढ़ाया.
उमर ने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि खुद को वाजपेयी जी का अनुयायी होने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने ठीक उलटा किया है.’’
कांग्रेस सदस्य और राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से एक चुनावी हथकंडा है. भाजपा को लग रहा है कि उसके नीचे से जमीन खिसक रही है और अब वे लोकसभा चुनाव में और अधिक ध्रुवीकरण के लिए बेचैन हैं.’’
केरल में चुनाव प्रचार कर रहे आजाद ने फोन पर पीटीआई से कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान दोनों व्यापारिक केंद्रों से किसी भी गैरकानूनी गतिविधि की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.