सीमा विवाद: नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी को बताया 'अपमानजनक'

नेपाल ने भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिमपियाधुरा पर दावा करते हुए नया मानचित्र जारी किया है. जिससे दोनों देशों के बीच सीमा विवाद गहरा गया. जिसके बाद भारत ने सख्त लहजे में नेपाल से क्षेत्रीय दावे के ‘कृत्रिम विस्तार’ का रूख नहीं अख्तियार नहीं करने को कहा था.

नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Photo Credits: PTI)

काठमांडू: नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सीमा विवाद पर अपनी टिप्पणी करके नेपाल के प्रति अनादर दिखाया है. नेपाली संसद में ओली ने कहा कि आदित्यनाथ की टिप्पणी 'अनुचित और नाजायज' थी.

नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने नेपाल के बारे में कुछ बातें कही हैं. उनकी टिप्पणी अनुचित है और वैध नहीं है. उनकी टिप्पणियां एक मुख्यमंत्री के तौर पर सही नही है. इस पर भारत की केंद्र सरकार निर्णय ले सकती है. अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इन टिप्पणियों के साथ नेपाल को धमकी देने की कोशिश कर रहे है, तो यह निंदनीय है. उनकी टिप्पणी ने नेपाल के प्रति असम्मान प्रकट किया है. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि नेपाल इन अपमानों को स्वीकार नहीं करेगा.” नेपाल में कोरोना वायरस संक्रमित 85 फीसदी लोग ऐसे हैं जो भारत से लौटे है: ओली

पिछले हफ्ते, नेपाल से सीमा विवाद पर टिप्पणी करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि राजनीतिक सीमा निर्धारित करने से पहले नेपाल को दीर्घकालिक परिणामों के बारे में सोचना चाहिए और यह भी याद रखना चाहिए कि तिब्बत का क्या हुआ है. उन्होंने नेपाल को सलाह देते हुए कहा था कि वह तिब्बत की गलतियों को ना दोहराए.

नेपाल ने भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिमपियाधुरा पर दावा करते हुए नया मानचित्र जारी किया है. जिससे दोनों देशों के बीच सीमा विवाद गहरा गया. जिसके बाद भारत ने सख्त लहजे में नेपाल से क्षेत्रीय दावे के ‘कृत्रिम विस्तार’ का रूख नहीं अख्तियार नहीं करने को कहा था.

उल्लेखनीय है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को उत्तराखंड में धारचूला और लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाले, 80 किलोमीटर लंबे, रणनीतिक रूप से अहम मार्ग का उद्घाटन किये जाने पर नेपाल ने आपत्ति जताई. और दोनों देशों के बीच रिश्ते में तनाव आ गया. नेपाल का दावा है कि यह राजमार्ग उसके क्षेत्र से गुजरता है. हालांकि भारत ने नेपाल के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह रोड पूरी तरह से भारत की सीमा में है.

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