भारत को मिली 8 नई फ्लाइंग ट्रेनिंग अकादमियां, देश को वैश्विक उड़ान प्रशिक्षण केंद्र बनाना उद्देश्य

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की उदार उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ) नीति के तहत भारत को 8 नई उड़ान प्रशिक्षण अकादमियां मिलने वाली हैं. ये अकादमियां बेलगावी, जलगांव, कलबुर्गी, खजुराहो और लीलाबाड़ी में स्थापित की जाएंगी. इन 8 एफटीओ की स्थापना का उद्देश्य भारत को वैश्विक उड़ान प्रशिक्षण केंद्र बनाना और विदेश में स्थित एफटीओ में भारतीय कैडेटों के पलायन को रोकना है.

विमान/ प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की उदार उड़ान प्रशिक्षण संगठन (FTO) नीति के तहत भारत (India) को 8 नई उड़ान प्रशिक्षण अकादमियां (New Flying Training Academies) मिलने वाली हैं. ये अकादमियां बेलगावी, जलगांव, कलबुर्गी, खजुराहो और लीलाबाड़ी (Belagavi, Jalgaon, Kalaburagi, Khajuraho and Lilabari) में स्थापित की जाएंगी. इन 8 एफटीओ की स्थापना का उद्देश्य भारत को वैश्विक उड़ान प्रशिक्षण केंद्र (Global Flying Training Hub) बनाना और विदेश में स्थित एफटीओ में भारतीय कैडेटों के पलायन को रोकना है. इसके अतिरिक्त, इन एफटीओ को भारत के पड़ोसी देशों में कैडेटों की उड़ान प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी डिजाइन किया जाएगा. यह भी पढ़ें- घरेलू हवाई यात्रा होगी महंगी, किराये की निचली सीमा 13 से 16 प्रतिशत बढ़ाई गई.

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) टीम की दृढ़ता और दृढ़ संकल्प इस बात से साबित होती है कि वह कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण खड़ी हुई चुनौती के बावजूद बोली प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में सफल रही. इन पांच हवाई अड्डों का चयन बेहद सावधानीपूर्वक किया गया है. इन जगहों पर मौसम और नागरिक/सैन्य हवाई यातायात के कारण न्यूनतम व्यवधान रहता है. यह पहल भारतीय उड़ान प्रशिक्षण क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत अधिक आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी.

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने नवंबर 2020 में इसके लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. 31 मई 2021 को चयनित हुए बोलीदाताओं को अवार्ड लेटर जारी किए गए. इसके तहत एशिया-पैसिफिक, जेटसर्व, रेडबर्ड, सम्वर्धन और स्काईनेक्स का चयन हुआ. संभावित बोलीदाताओं के लिए निर्धारित मापदंडों में विमानन सुरक्षा पहलुओं, नियामक तंत्र, मानवयुक्त विमानों पर प्रशिक्षण पायलटों के क्षेत्र में अनुभव, उपकरण, प्रशिक्षकों की उपलब्धता आदि शामिल हैं. एफटीओ को बोलीदाताओं के लिए आकर्षक बनाने के लिए, एएआई ने न्यूनतम वार्षिक किराये को काफी कम कर 15 लाख रुपये तक कर दिया था. इसके अलावा, इन उपक्रमों को व्यवसाय के अनुकूल बनाने के लिए एयरपोर्ट रॉयल्टी को भी खत्म कर दिया गया था.

(पीआईबी से साभार)

Share Now

\