नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को किसी मुद्दे की जानकारी नहीं है. इसलिए उनके सवालों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. दरअसल राहुल गांधी ने आज मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा था कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों का सामना करने के लिए भारतीय जवानों को बिना हथियार क्यों भेजा गया था.
कांग्रेस नेता के सवाल पर केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा “राहुल गांधी स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों को नहीं समझते हैं इसलिए उनके सवालों का जवाब देने की कोई आवश्यकता नहीं है. भारतीय राजनीति में वह पूरी तरह से विफल और अप्रासंगिक है.” एलएसी पर भारत इलाके में चीन की निगरानी चौकी बनाने के कारण हुई झड़प
Rahul Gandhi doesn't understand local, national or international issues therefore there is no need to reply to his questions. He has totally failed & is irrelevant in Indian politics: MoS Home Affairs G Kishan Reddy on the Congress leader's questions regarding Galwan valley clash pic.twitter.com/Q2kdtb4aNa
— ANI (@ANI) June 18, 2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि सैनिकों को 'निहत्थे' शहादत के लिए क्यों भेजा गया था. उन्होंने ट्वीट कर सरकार से पूछा कि "चीन की हिम्मत कैसे हुई जो उसने हमारे निहत्थे सैनियों को मारा? हमारे सैनिकों को निहत्थे वहां शहादत के लिए क्यों भेजा गया?"
वहीं बुधवार को केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने एक ट्वीट में पूछा था, "प्रधानमंत्री चुप क्यों है? वह क्यों छिप रहे हैं? बस बहुत हो गया. हमें यह जानना है कि क्या हुआ था? चीन ने हमारे सैनिकों को कैसे मारा? हमारी जमीन लेने की उनकी हिम्मत कैसे हुई?" चीन के विदेश मंत्री ने जयशंकर से बात की, दोनों ने तनाव कम करने पर सहमति जताई
कौन ज़िम्मेदार है? pic.twitter.com/UsRSWV6mKs
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 18, 2020
उल्लेखनीय है कि सोमवार रात को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया, जिसमें अधिकारी सहित 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. इस हिसंक झड़प में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान भी हताहत हुए है. हालांकि चीन अब तक आंकड़ों को छिपा रहा है.