नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके भूटानी समकक्ष शेरिंग तोबगे ने शुक्रवार को यहां दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. भारत और भूटान ने इस वर्ष अपने कूटनीतिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे किए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के बाद ट्वीट किया, "विकास साझेदारी में सहयोग बढ़ाने के लिए अच्छी चर्चा हुई."
भारत भूटान का सबसे बड़ा विकास सहायता साझेदार है. सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, व्यापार, अर्थव्यवस्था, जलविद्युत, विकास सहयोग और जल संसाधन के क्षेत्र में भारत व भूटान के बीच कई संस्थागत तंत्र हैं.
PM @narendramodi and Prime Minister of Bhutan @tsheringtobgay led delegation-level talks. Good discussion on further strengthening cooperation in development partnership. pic.twitter.com/5QX78rWyNB— Raveesh Kumar (@MEAIndia) July 6, 2018
नई दिल्ली ने भूटान में तीन जलविद्युत परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिनकी कुल क्षमता 1,416 मेगावाट है और ये चालू हो चुकी हैं. यहां पैदा होने वाली तीन-चौथाई बिजली भारत को दी जाती है और बाकी बिजली का उपयोग घरेलू खपत के लिए किया जाता है.
भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है. 2016 में, दोनों देशों के बीच 8,723 करोड़ रुपये का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था.