पीएम मोदी ने इमरान खान से नहीं की फोन पर बात, पाकिस्तानी संसद में सुनाई गई यह कहानी
पीएम मोदी और इमरान खान (File Photo)

इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्‍तान के मध्य बढ़ती तल्खियों के बीच पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने एक बार फिर शांति का ढकोसला किया है. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके बातचीत करना चाहते थे लेकिन उनकी यह कोशिश असफल हो गई. इमरान का दावा है कि वह दोनों देशों के बीच टकराव को कम करने के लिए पीएम मोदी से बातचीत करना चाहते है.

पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, ‘हमने भारत से कहा कि उनके द्वारा दिए गए किसी भी पुख्ता सबूत पर हम कार्रवाई करेंगे. लेकिन सबूत देने के बजाए भारत में जंग को लेकर एक उन्माद तैयार किया गया. इसके बाद, हमें इस बात की आशंका थी कि पाकिस्तान में कुछ होने वाला है. आज उन्होंने पुलवामा पर एक डॉजियर भेजा है। हालांकि, दो दिन पहले, उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामकता दिखाई और इंटरनैशनल कानूनों का उल्लंघन किया. उन्हें हमें पहले डॉजियर देना चाहिए था और अगर पाकिस्तान कार्रवाई नहीं करता तो वे ऐक्शन ले सकते थे. हालांकि, उसके बाद हमें एहसास हुआ कि ऐसा माहौल इलेक्शन की वजह से तैयार किया जा रहा है.’

इमरान ने आगे कहा, ‘हमने भारतीय आक्रामकता के खिलाफ कदम न उठाने का फैसला लिया क्योंकि हमें पता चला कि हमले में जानमाल का नुकसान नहीं हुआ. जनता के दबाव के बावजूद टकराव रोकने के लिए हमने ऐसा किया। हमने एक जिम्मेदार राष्ट्र की तरह बर्ताव किया. अगले दिन बस यह दिखाने के लिए कि हमारे पास क्षमता और इच्छाशक्ति है. न तो कोई नुकसान हुआ और न ही किसी को निशाना बनाया गया। हालांकि, जब वे वापस लौट रहे थे, भारत के दो प्लेनों ने उन्हें इंटरसेप्ट करने की कोशिश की और गिरा दिए गए.’

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उन्होंने आगे कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान अमन चाहता है. हम विकास सुनिश्चित करने के लिए स्थायित्व और शांति चाहते हैं. इस तनाव से भारत या पाकिस्तान, किसी का भला नहीं होगा। उन दो देशों के बीच, जिनके पास बेहद घातक हथियार हैं.’

गौरतलब हो कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को घोषणा की कि पकड़े गए भारतीय वायुसेना के पायलट को शुक्रवार को रिहा कर दिया जाएगा. पाकिस्तान ने यह कदम भारत के बिना शर्त, तत्काल व सकुशल रिहाई की मांग के बाद उठाया है. इसे भारत की कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है. भारत की रिहाई की मांग व इस मुद्दे पर बातचीत से इनकार के बाद घंटों बाद विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई की घोषणा की गई.