हैदराबाद: तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन चार आरोपियों के शवों को शुक्रवार तक सुरक्षित रखें जो पिछले सप्ताह शादनगर शहर के पास महिला पशु चिकित्सक के सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की जांच के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए थे.अदालत ने सोमवार को दो याचिकाओं की सुनवाई की, जिसमें छह दिसंबर को हुई घटना की व्यापक जांच की मांग की गई है.मुख्य न्यायाधीश आर. एस. चौहान की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने जानना चाहा कि पुलिस ने उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन किया है या नहीं. अदालत यह भी चाहती है कि सरकार इसके पर्याप्त सबूत भी पेश करे.
याचिकाकर्ताओं के एक वकील ने संवाददाताओं को बताया कि महाधिवक्ता बी. एस. प्रसाद ने पीठ को बताया कि ऐसी ही याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि मामले को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया जाए क्योंकि बुधवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई होनी है. अदालत ने महाधिवक्ता से सहमति जताई और मामले में आगे की सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन तय किया. यह भी पढ़े: हैदराबाद एनकाउंटर पर तेलंगाना हाईकोर्ट में सुनवाई आज, राज्य सरकार सरकार ने गठित की SIT
जब अदालत के संज्ञान में लाया गया कि महबूबनगर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में शरीर को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए सुविधाओं का अभाव है, तो अदालत ने उन्हें हैदराबाद के गांधी अस्पताल में स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए. इससे पहले छह दिसंबर को अदालत ने शवों को नौ दिसंबर तक संरक्षित रखने के निर्देश दिए थे।यह आदेश विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और महिलाओं के समूहों द्वारा आवाज उठाने के बाद दिए गए हैं,.
जिसमें उन्होंने चार आरोपियों के एनकाउंटर को न्यायेत्तर हत्या कहा है. 15 संगठनों द्वारा हस्ताक्षरित याचिका में आरोप लगाया गया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए एनकाउंटर को अंजाम दिया गया. एक वकील राजेंद्र प्रसाद ने भी एनकाउंटर मामले में एक याचिका दायर की है.उल्लेखनीय है कि छह दिसंबर की सुबह शादनगर शहर के पास चटनपल्ली में पुलिस ने सभी चार आरोपियों को कथित रूप से एनकाउंटर में मार गिराया था. पुलिस ने दावा किया कि आरोपियों ने पुलिस पार्टी से हथियार छीन लिए और गोली भी चलाई, जिसके बाद पुलिस द्वारा जवाबी कार्रवाई में चारों को मार दिया गया.