हैदराबाद: पत्नी नहीं दे सकी लड़के को जन्म तो पति ने दे दिया ट्रिपल तलाक, दूसरी शादी रचाने का आरोप, शख्स के खिलाफ मामला दर्ज
हैदराबाद से तीन तलाक का एक और मामला सामने आया है. यहां एक शख्स ने अपनी पत्नी को सिर्फ इसलिए तीन तलाक दे दिया, क्योंकि उसने लड़के को जन्म नहीं दिया. महिला ने तीन तलाक देने और दूसरी शादी रचाने का आरोप में अपने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
हैदराबाद: ट्रिपल तलाक (Triple Talaq) कानून के अस्तित्व में आने के बाद से तीन तलाक के मामलों में कमी आने की बजाय उनमें बढ़ोत्तरी ही देखी जा रही है. देश के अलग-अलग हिस्सों से तीन तलाक के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसी कड़ी में हैदराबाद (Hyderabad) से तीन तलाक का एक और ताजा मामला सामने आया है. यहां एक शख्स ने अपनी पत्नी को सिर्फ इसलिए तीन तलाक दे दिया, क्योंकि उसने लड़के को जन्म नहीं दिया. पीड़िता मेहराज बेगम (Mehraj Begum) मानें तो उसने लड़के को जन्म नहीं दिया, इसलिए उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया.
महिला ने तीन तलाक (Triple Talaq) देने और दूसरी शादी रचाने (Marrying Another Woman) के आरोप में अपने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पीड़िता का कहना है कि मुझे उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा और मेरे पति को उसके कार्यों के लिए दंडित किया जाएगा.
लड़के को जन्म न देने पर पति ने दिया तीन तलाक-
बता दें कि कुछ समय पहले हैदराबाद में ही एक शख्स ने अपनी पत्नी को इसलिए तीन तलाक दे दिया था, क्योंकि उसकी पत्नी के दांत टेढ़े थे. हालांकि मामले की शिकायत मिलते ही पुलिस ने तलाक देने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं ट्रिपल तलाक के एक अन्य मामले में पति ने अपनी गर्भवती पत्नी को इसलिए तलाक दिया था, क्योंकि वो पति द्वारा कहे जाने के बाद भी अपने पिता से कार और घर की मांग नहीं कर रही थी. महिला ने अपने पति पर दहेज मांगने और मारपीट करने का आरोप लगाया था. इसके अलावा ट्रिपल तलाक के कई और मामले सामने आ चुके हैं. यह भी पढ़ें: हैदराबाद: 20 वर्षीय गर्भवती महिला को उसके पति ने दिया तीन तलाक, करता था ये डिमांड
गौरतलब है कि तीन तलाक कानून के अनुसार, तीन तलाक को अपराध माना गया है यानी इस मामले में दोषी पाए जाने पर पुलिस आरोपी को सीधे गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन गिरफ्तारी तभी हो सकती है जब खुद पीड़ित इसकी शिकायत करेगी. पीड़ित महिला के अलावा उसके खून के रिश्ते या शादी के रिश्ते वाले सदस्यों के पास भी केस दर्ज कराने का अधिकार है. तीन तलाक कानून के मुताबिक, दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को तीन साल तक की सजा हो सकती है. इसके साथ ही मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रॉनिक (एसएमएस, ईमेल, वॉट्सऐप) इत्यादि माध्यमों से तीन तलाक देने को अमान्य करार दिया गया है.