15 दिन के लिए पति को रिहा कर दो, मां बनना चाहती हूं; महिला ने हाई कोर्ट में लगाई अर्जी
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मध्य प्रदेश में एक महिला ने याचिका दायर कर अपने पति को जेल से रिहा करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. महिला ने याचिक दाखिल कर कहा है कि वो मां बनना चाहती है, लेकिन उसका पति आपराधिक मामले में जेल में बंद है. महिला ने याचिका में कहा है कि वह संतान सुख चाहती है. संतान प्राप्ति हमारा 'मौलिक अधिकार' है. महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जबलपुर में सरकार द्वारा संचालित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन को 5 डॉक्टरों की एक टीम गठित करने का निर्देश दिया. यह टीम जांच करेगी कि महिला याचिकाकर्ता मां बनने के लिए फिट है या नहीं. HC on Husband Duties: पत्नी और बच्चों की देखभाल करना पति का धर्म और कानूनी कर्तव्य, कोर्ट ने कहा- देना ही होगा गुजरा भत्ता.

महिला ने याचिका में राजस्थान कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि हर किसी को बच्चे को जन्म देने का मौलिक अधिकार है. जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला डॉक्टरों की टीम के गठन का आदेश दिया.कोर्ट ने आदेश में कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों महिला की मेडिकल जांच करेगी कि क्या वह चिकित्सकीय रूप से मां बनने के लिए फिट है? इसके बाद ही महिला के पति की रिहाई पर कोई फैसला होगा.

महिला ने कोर्ट से कहा कि वह एक बच्चा चाहती है, इसलिए उसके पति को 15 से 20 दिन के लिए जेल से रिहा किया जाए. जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ता महिला 7 नवंबर को मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जाएगी. डॉक्टरों की टीम में तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक मनोचिकित्सक और एक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट शामिल किए गए हैं. महिला की मेडिकल जांच की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाएगी. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 22 नवंबर को तय की है.