आशा है कि चीन भारतीय पत्रकारों की निरंतर उपस्थिति को सुविधाजनक बनाएगा : विदेश मंत्रालय
Arindam Bagchi ( Photo Credit: Twitter)

नई दिल्ली, 6 अप्रैल: चीन द्वारा दो भारतीय पत्रकारों का वीजा 'फ्रीज' करने के फैसले के बाद पैदा हुए ताजा विवाद में नई दिल्ली ने गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि बीजिंग के अधिकारी एशियाई देश में उसके पत्रकारों की उपस्थिति जारी रखने में मदद करेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ऐसे चीनी पत्रकार हैं जिनके पास पत्रकारिता गतिविधियों को करने के लिए वैध भारतीय वीजा है. इसलिए उस ²ष्टिकोण से, मुझे रिपोटिर्ंग या मीडिया कवरेज करने में कोई सीमा या कठिनाई नहीं दिखती है. यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमले का दावा करने वाले से कहा, 'माफी मांगें'

यह कहते हुए कि भारत इस संबंध में चीनी अधिकारियों के संपर्क में है, बागची ने कहा: जहां तक चीन में काम करने वाले भारतीय पत्रकारों का संबंध है, हम आशा करते हैं कि चीनी अधिकारी चीन से उनकी निरंतर उपस्थिति और रिपोटिर्ंग की सुविधा प्रदान करेंगे.

द हिंदू अखबार के संवाददाताओं और राज्य प्रसारक प्रसार भारती को मंगलवार को बताया गया कि उनके वीजा फ्रीज कर दिए गए हैं. इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन के पत्रकारों के साथ लंबे समय से भारत में गलत व्यवहार किया गया है, यह कहते हुए कि शिन्हुआ पत्रकार को हाल ही में 31 मार्च तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया था.

भारत की तरफ से चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नाम बदलने पर आपत्ति जताने के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम हुआ, जिसे चीन तिब्बत के दक्षिणी भाग 'जंगनान' कहता है और अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है. 2020 के मध्य से दो एशियाई दिग्गजों के बीच संबंध बिगड़ गए हैं, जब चीनी और भारतीय सैनिक गालवान घाटी में भिड़ गए थे, जिसमें 24 लोग मारे गए थे.