शिमला: हिमाचल प्रदेश में गो संरक्षण और संवर्धन हेतु फंड जुटाने के लिए प्रदेश की सरकार ने नया तरीका इजात किया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार ने शराब की बिक्री पर भी एक प्रतिशत सेस लगाया है. इससे करीबन 10 करोड़ की सालाना आय होने का अनुमान है. बीते बजट सेशन में इसका प्रावधान किया गया था. यह राशि पूरी तरह से बेसहारा गायों के संरक्षण पर खर्च होगी.
धर्मशाला में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है. कानूनी जामा पहनाने के लिए अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. इस प्रस्ताव को सभी दलों के विधायकों ने अपना समर्थन दिया.
कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि गाय को राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाए. गाय को किसी जाति, धर्म या नस्ल में विभाजित नहीं किया जा सकता. गाय का पूरी मानवता के विकास में अहम योगदान है. सिंह ने कहा, 'गाय जब दूध देना बंद कर देती है तो लोग उसे खुला छोड़ देते हैं. इसलिए इस तरह का कदम उठाए जाने की जरूरत है.' यही नहीं उन्होंने गाय के नाम पर हिंसा और मॉब लिचिंग को रोके के जाने के लिए कदम उठाने की भी जरूरत बताई.
गौरतलब हो कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब गाय को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए सदन में अलग से प्रस्ताव लाया गया हो. इससे पहले सितंबर महीने में उत्तरांखड ने गाय को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए प्रस्ताव पारित किया था.
सूबे के पशुधन विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सरकार राज्य में कई गो-अभयारण्य बनवा रही है. सिरमौर जिले में अभयारण्य के लिए 1.52 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. सोलन और कांगड़ा जिलों में भी ऐसा अभयारण्य बनाया जाएगा.