दिल्ली कोचिंग हादसे के मामले पर हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एमसीडी को जमकर फटकार लगाई है. एक्टिंग चीफ जस्टिस (ACJ) मनमोहन और जस्टिस तुषार राव की बेंच ने कहा- इस तरह की घटनाएं सिस्टम का फेल्योर है. ये सब मिलीभगत से हुआ है. सभी ब्लेम-गेम खेल रहे हैं. किसी एक की जिम्मेदारी तय करनी होगी. कोर्ट ने पूछा है कि आपके पास नाले और नालियों की साफ-सफाई का कोई प्लान है, आखिर ऐसी घटना क्यों हुई?
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा आखिर इतना पानी कैसे आया? इस मामले की जांच कौन इंवेस्टीगेशन अधिकारी कर रहा है? दिल्ली सरकार से हाई कोर्ट ने कहा कि आपके आधिकारी दिवालिया हैं. आपके पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, आप दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्चर कैसे अपग्रेड करेंगे? आप तो फ्रीबी कल्चर चाहते हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने MCD कमिश्नर को तलब किया है. शुक्रवार को अगली सुनवाई के दौरान दोपहर 2:30 बजे उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कल तक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही कहा- अगर जांच अधिकारी ने ठीक से जांच नहीं की तो यह केस सेंट्रल एजेंसी को सौंप सकते हैं. अगली सुनवाई 2 अगस्त को होगी. MCD डायरेक्टर को अगली तारीख पर हाजिर होने का आदेश दिया है.
हाई कोर्ट ने कहा हम इस मामले में जिम्मेदारी तय करने के लिए आदेश पारित करेंगे. यह ढांचागत खामी है और इसे किसी वैधानिक तंत्र के पास जाना चाहिए. दिल्ली के पूरे प्रशासनिक ढांचे की दोबारा जांच की जरूरत है. बहुत सारे अधिकारी काम कर रहे हैं, दुर्भाग्य से विपरीत उद्देश्यों के लिए. बहुत सारा आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. दिल्ली हाई कोर्ट शुक्रवार को आगे सुनवाई करेगा.