रांची, 18 अप्रैल: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त हिदायत दी है कि गर्मी के मौसम में रांची के लोगों को पेयजल की समस्या न हो, यह हर हाल में सुनिश्चित किया जाए. अदालत ने रांची में सभी डैम, तालाब और जल स्रोतों के प्रदूषण और अतिक्रमण पर रोक लगाने और इनकी नियमित तौर पर सफाई के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का भी निर्देश दिया है. यह भी पढ़ें: HC On Sexual Crimes: महिला की गरिमा की रक्षा की जरूरत है लेकिन यौन अपराध को उचित सबूतों के साथ साबित किया जाना चाहिए: बॉम्बे HC
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने डैम-तालाबों के अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते यह निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि तालाबों और जलस्रोतों में सॉलिडेयर और लिक्विड कचरा नहीं गिरे, यह सुनिश्चित कराया जाए. इस मामले में आगामी सुनवाई की तारीख 22 अगस्त तय करते हुए सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है.
कोर्ट ने इस आदेश-निर्देश के साथ विभिन्न लोगों द्वारा दायर जनहित याचिकाओं को निष्पादित कर दिया। याचिका दायर करने वालों में प्रार्थी खुशबू कटारुका भी थीं. उन्होंने अपनी याचिका में बताया था कि रांची शहर के विभिन्न गंदे नाले-नालियों का पानी बड़ा तालाब में गिराया जाता है. इससे बड़ा तालाब का पानी काफी दूषित है. यहां जलकुंभियों का अंबार लगा हुआ है. इनकी सफाई नहीं की जाती है. बड़ा तालाब की जमीन का भी अतिक्रमण किया गया है.
कोर्ट ने रांची के कांके डैम, हटिया डैम एवं रुक्का डैम की जमीन के अतिक्रमण के मामले में स्वत: संज्ञान भी लिया था और उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था। स्वत: संज्ञान पर आधारित यह याचिका बरकरार रहेगी.