UP: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, बालिग लड़की की सहमति से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं, पर अनैतिक
इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Photo Credits: Wikimedia Commons)

प्रयागराज, 30 अक्टूबर: इलाहबाद हाईकोर्ट (Allahabad Court)ने कहा है कि बालिग लड़की की सहमति से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं, लेकिन यह अनैतिक, असैद्धांतिक एवं भारतीय सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है.न्यायालय ने कहा कि अपने को लड़की का ब्वाय फ्रेंड कहने वाले का कर्तव्य था कि वह सह अभियुक्तों से सामूहिक दुराचार होने से उसकी रक्षा करता. एक केस की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि, याची अपने सामने प्रेमिका का गैंग रेप होते चुपचाप देखता रहा. उसने लेश मात्र भी विरोध नहीं कि यह भी पढ़े: Uttar Pradesh: नाबालिग लड़की को अगवा कर बलात्कार करने का आरोपी युवक गिरफ्तार

न्यायालय ने कहा कि अपने को लड़की का ब्वाय फ्रेंड कहने वाले का कर्तव्य था कि वह सह अभियुक्तों से सामूहिक दुराचार होने से उसकी रक्षा करता. एक केस की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि, याची अपने सामने प्रेमिका का गैंग रेप होते चुपचाप देखता रहा. उसने लेश मात्र भी विरोध नहीं किया.

याची के इस कृत्य को देखते हुए न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने प्रेमी मित्र राजू को बेल देने से इनकार करसामूहिक बलात्कार दिया. कहाकि, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि सह अभियुक्तों से उसका कोई सरोकार नहीं रहा है. ज्ञात हो कि कि 20 फरवरी 2021 को चार लोगों के खिलाफ पाक्सो एक्ट व भारतीय दंड संहिता की धाराओं में कौशांबी के अकिल सराय थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. पीड़िता के अनुसार 19 फरवरी को वह सिलाई केंद्र गई थी.

आठ बजे सुबह उसने ब्वाय फ्रेंड राजू को फोन किया कि वह मिलना चाहती है. नदी किनारे दोनों मिले. कुछ देर में तीन अन्य लोग वहां आए. उन्होंने राजू को मारा-पीटा. मोबाइल फोन छीन लिया और पीड़िता के साथ सामूहिक दुराचार किया. दोनों नदी किनारे मिल रहे हैं, उन्हें भी पता था. कोर्ट ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि याची का अभियुक्तों से कोई संबंध नहीं है. अपराध में शामिल होने की संभावना है.